कांकेर जिले में मुठभेड़ के दौरान मारे गए 29 नक्सलियों को कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया शहीद, बीजेपी घेरा
नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के हिदुर और कल्पर गांव के जंगल में मुठभेड़ के बाद अब सन्नाटा पसरा हुआ है। घटना के बाद ग्रामीण अपनी दिनचर्या में व्यस्त हैं, लेकिन अनजान लोगों को देखकर कुछ भी बोलने से हिचक रहे हैं।
राज्य के नक्सल प्रभावित इस जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिदुर और कल्पर गांव के करीब जंगल में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने चार घंटे चली मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया।
अब कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नक्सलियों को शहीद बता दिया है। बीजेपी ने कांग्रेस प्रवक्ता के इस बयान पर घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने का गौरव भाटिया ने X पर वीडियो शेयर कल लिखा- छत्तीसगढ़ में हमारे सुरक्षाबलों ने 29 नक्सली, जिनमें 2 तो 25-25 लाख के इनामी थे को मार गिराया। कांग्रेस की प्रवक्ता इन नक्सलियों को शहीद बता रही हैं। इसी को मानसिक और नैतिक दिवालियापन कहते हैं।
छत्तीसगढ़ में हमारे सुरक्षाबलों ने 29 नक्सली जिनमे 2 तो 25–25 लाख के इनामी थे को मार गिराया..
कांग्रेस की प्रवक्ता इन नक्सलियों को शहीद बता रही हैं
इसी को मानसिक और नैतिक दिवालियापन कहते हैं
Shame Shame pic.twitter.com/VNbhQrxomD— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया 🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@gauravbhatiabjp) April 17, 2024
करीब 4 घंटे चली मुठभेड़
सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ करीब चार घंटे चली थी। गांवों के करीब बांस की झाड़ियों से घिरी पहाड़ियों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन यहां पेड़ों पर खून के धब्बे और गोलियों के निशान नक्सल विरोधी अभियान की तीव्रता को बयान कर रहे हैं। मुठभेड़ वाली जगह के नजदीक के गांवों में ज्यादातर स्थानीय आदिवासी महिलाएं देखी गईं। वह अपनी रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हैं लेकिन मंगलवार की दोपहर पहाड़ी पर क्या हुआ पूछने पर वह कुछ भी बोलने से हिचक रहे हैं।
इलाके में लगे नक्सली पोस्टर
मुठभेड़ स्थल तक पहुंचने के कच्चे रास्ते को कई स्थानों पर खोद दिया गया है। यहां लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के संदेश वाले नक्सली पोस्टर लगे हुए थे। इसके साथ ही यहां माओवादियों के स्मारक भी देखे जा सकते हैं। नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिविजन कमेटी का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कोटरी नदी को पार करना पड़ता है, जो गर्मियों में सूख जाती है। स्थानीय प्रशासन यहां लंबे समय से पुल बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण सफलता नहीं मिल पा रही है। मुठभेड़ स्थल बेचाघाट से 15 किलोमीटर से अधिक दूर कांकेर, नारायणपुर (छत्तीसगढ़) और गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) जिले के त्रिकोण पर स्थित है।