गाज़ा शांति वार्ता में भारत भी रहेगा मौजूद! PM मोदी ने भेजा विशेष प्रतिनिधि, बड़ा कूटनीतिक दांव

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ई दिल्‍ली । गाजा में शांति बहाली को लेकर मिस्र में होने जा रहे शिखर सम्मेलन में भारत की भी मौजूदगी रहेगी। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह सोमवार को शार्म अल-शेख में आयोजित इस शांति शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी की सह-अध्यक्षता में गाजा और पश्चिम एशिया में स्थायी शांति लाने पर चर्चा होगी।

सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वे ऐतिहासिक शहर काहिरा पहुंच चुके हैं और प्रधानमंत्री मोदी के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर सम्मेलन में भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना है, जिसके मद्देनजर भारत ने प्रधानमंत्री के बजाय विशेष प्रतिनिधि भेजने का फैसला लिया।

सम्मेलन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीअर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित लगभग 20 वैश्विक नेता हिस्सा लेंगे। मिस्र ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य गाजा में युद्धविराम और पश्चिम एशिया में स्थायी शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करना है।

यह शिखर सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण के लागू होने के कुछ दिनों बाद हो रहा है। गाजा में युद्धविराम शुक्रवार को लागू हुआ था और उम्मीद है कि हमास लगभग 20 बंधकों को सोमवार सुबह रिहा कर देगा।

इस पृष्ठभूमि में सात अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर हमला किया गया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर सैन्य अभियान शुरू किया, और हमास ने 251 लोगों को बंधक बनाया। गाजा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक इजरायली सैन्य अभियानों में 66,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

इस शिखर सम्मेलन को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है, जहां वैश्विक नेताओं की मौजूदगी गाजा और पूरे पश्चिम एशिया में शांति प्रयासों को बल देगी।

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