भोपाल पुलिस कमिश्नर का औचक निरीक्षण ड्यूटी पर मोबाइल पर रील देख रहे कांस्टेबल पर 500 रुपये जुर्माना
कमिश्नर ने शुरू किया औचक निरीक्षण
भोपाल पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे अचानक निरीक्षण के लिए रोशनपुरा नोडल प्वाइंट का दौरा किया। यहाँ तैनात कार्यवाहक उप निरीक्षक शशि चौबे और कार्यवाहक प्रधान आरक्षक रविंद्र सिंह ड्यूटी प्वाइंट से नदारद मिले। उनकी अनुपस्थिति पर कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी जताई और तुरंत उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। इस निर्णय के पीछे कमिश्नर का स्पष्ट संदेश था कि ड्यूटी प्वाइंट पर अनुपस्थित रहना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। आदेश में कहा गया कि यह ड्यूटी की मूल भावना के खिलाफ है और किसी भी स्थिति में इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया पर रील देखने वाला जवान
इसी दौरान निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर तैनात सहायक उप निरीक्षक राजकुमार दुबे को मोबाइल पर रील देखते हुए पाया गया। पुलिस कमिश्नर ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने न केवल राजकुमार दुबे को जमकर फटकार लगाई, बल्कि उस पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। कमिश्नर ने कहा ड्यूटी के दौरान मोबाइल का अनावश्यक उपयोग सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करता है। यह गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।
कमिश्नर के इस निर्णय ने साफ संकेत दिया कि पुलिस विभाग में अब किसी भी तरह की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा खासकर रात्रि ड्यूटी के दौरान जब शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
पुलिस विभाग को दिया गया कड़ा संदेश
कमिश्नर के इस औचक निरीक्षण ने पूरे विभाग में कड़ा संदेश भेजा है कि ड्यूटी के दौरान पूरी तत्परता और जिम्मेदारी से काम करना होगा। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और पुलिसकर्मियों में अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक था। कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षा के मद्देनजर रात्रि ड्यूटी में ढिलाई बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होगी।
पुलिस विभाग में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका
पुलिस विभाग का काम सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा का माहौल भी बनाना होता है। ऐसे में पुलिसकर्मियों का हर कदम जिम्मेदारी से भरा होना चाहिए। यदि कोई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान लापरवाह या अनुशासनहीनता दिखाता है तो इससे ना केवल विभाग की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि शहर की सुरक्षा पर भी खतरा मंडराने लगता है।
इस तरह के कड़े कदम और निरीक्षण पुलिसकर्मियों को यह एहसास दिलाते हैं कि उनका काम बेहद महत्वपूर्ण है और इसके लिए उन्हें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। कमिश्नर के इस कदम ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित करने वाली किसी भी लापरवाही को तुरंत प्रभाव से निपटा जाएगा।
भोपाल पुलिस कमिश्नर का यह कदम पुलिस विभाग में अनुशासन और जिम्मेदारी बनाए रखने के लिए अहम साबित हुआ है। उनकी सख्ती और औचक निरीक्षण ने पुलिसकर्मियों के लिए यह संदेश दिया कि अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम ना केवल पुलिस विभाग में सुधार के लिए आवश्यक था बल्कि शहर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण था। पुलिसकर्मियों को इस अनुशासन का पालन करना होगा ताकि वे अपनी ड्यूटी में पूरी निष्ठा से कार्य कर सकें और शहर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनी रहे।
