सहयोगी संजय निषाद की भड़ास, बीजेपी में अंदरूनी कलह की वजह से यूपी में मिली कम सीटें

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने अपने बेटे प्रवीण निषाद की हार को लेकर भाजपा पर भड़ास निकाली है. संजय निषाद ने कहा है कि बीजेपी के लोगो ने साथ नहीं दिया. हम अपने बूथ जीत गए लेकिन बाक़ी जिम्मेदारी तो बीजेपी के कार्यकताओं की थी जिन्होंने ठीक काम नहीं किया. बीजेपी नेताओं में व्‍याप्‍त अंदरूनी कलह की वजह से यूपी में कम सीटें मिली हैं.

निषाद ने कहा कि मेरे बेटे को टिकट मोदी ने दिया लेकिन यूपी में लोगो को ये पसंद नहीं आया वो अपना टिकट चाहते थे. बीजेपी के नेताओ की आंतरिक राजनीति से यूपी में नतीजों पर बट़टा लग गया. उन्‍होंने कहा, अति उत्साहित होने के कारण भी नतीजे ख़राब हुए. निषाद के मुताबिक “हम लोग अपनी बात जनता को समझा नहीं पाये और विपक्ष ने जो नैरेटिव सेट किया, उसका नुक़सान हमें हुआ.

संजय निषाद के बेटे प्रवीन कुमार निषाद ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की संत कबीरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. प्रवीन को इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें कुल मिलाकर 4 लाख 6 हजार 525 वोट हासिल हुए. वहीं उनको मात देने वाले लक्ष्मीकान्त निषाद को 4 लाख 98 हजार 695 वोट मिले. लक्ष्मीकांत निषाद समजावादी पार्टी के साइकिल निशान पर चुनावी जंग लड़ रहे थे. उन्होंने संजय निषाद के बेटे को 92 हजार 170 वोटों से हराया है.

इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के नदीम अशरफ को 1 लाख 50 हजार 812 वोच मिले. नदीम तीसरे नंबर पर रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रवीन कुमार निषाद को भाजपा ही के टिकट पर जीत मिली थी. तब निषाद को 4 फीसदी वोट मिले थे. निषाद 4 लाख 67 हजार 543 वोट लाने में सफल रहे थे. तब इस सीट पर सपा और बसपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. बसपा के हिस्से ये सीट आई थी. बसपा ने भिष्म शंकर तिवारी को प्रत्याशी बनया था जो 4 लाख 31 हजार 794 वोट हासिल कर पाए थे.