तेल आयात पर निर्भरता घटाने की जरूरत, तेल-गैस क्षेत्र में भारत का 100 अरब डॉलर का निवेश संभव: पुरी
नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, भारत में तेल-गैस की खोज में 100 अरब डॉलर के निवेश का अवसर है। पुरी ने गुरुवार को ऊर्जा वार्ता सम्मेलन में कहा, खोज और उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अभिन्न अंग है। यह सतत आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। ईएंडपी 2030 तक 100 अरब डॉलर के निवेश का अवसर प्रदान करता है। भारत में तेल-गैस क्षेत्र में खोज और उत्पादन क्षमता का अब भी पूरी तरह दोहन नहीं हुआ है। आयात पर देश की निर्भरता कम करने और किफायती व टिकाऊ तरीके से ईंधन उपलब्ध कराने के लिए तेल-गैस की खोज तेज करने की जरूरत है।
पुरी ने कहा, यह अजीब लगता है कि भारत प्रचुर भूवैज्ञानिक संसाधनों के बावजूद तेल आयात पर इतना अधिक निर्भर है। भारतीय तलछटी बेसिन में 65.18 करोड़ टन क्रूड और 1,138.6 अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस मौजूद है। हमारे तलछटी बेसिन क्षेत्र के सिर्फ 10 फीसदी पर ही अन्वेषण का काम हो रहा है, जो 2024 अंत तक बढ़कर 16 फीसदी हो जाएगा। मंत्री ने कहा, सरकार ईएंडपी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपनी भूमिका निभा रही है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने व्यापक सुधार लागू किए हैं। इससे हितधारकों को हमारे देश की प्रगति में योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारा इरादा 2030 तक न्वेषण क्षेत्र को 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने का है।
देश की सरकारी रिफाइनरी कंपनियां रूस के साथ दीर्घकालिक तेल आयात समझौते पर संयुक्त रूप से बातचीत कर रही हैं। मामले से जुड़े एक सरकारी सूत्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत और रूस ने आयात के लिए भुगतान मुद्रा जैसी शर्तों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया है। इस संबंध में बातचीत बाद में होगी। भारतीय निजी रिफाइनरी कंपनियां नायरा एनर्जी और रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले ही रूस से तेल आयात के लिए समझौता कर चुकी हैं।