आग पर बैठें हिंदु बांग्लादेशी, मलबा बनते जा रहे मंदिर बचे सिर्फ घरों के अवशेष

ढाका। शांति तलाश रहा बांग्लादेश फिलहाल जल रहा है और इस आग में सबसे ज्यादा हिंदू झुलसता नजर आ रहा है। हाल ही में मशहूर लोक गीत गायक राहुल आनंद के घर में लुटेरों ने दस्तक दे दी। घर को सिर्फ लूटा ही नहीं गया, खबरें हैं कि उनके घर को आग भी लगा दी गई। कहानी सिर्फ आनंद के घर की नहीं कई इस्कॉन समेत कई मंदिरों की भी है। भारत में भारतीय जनता पार्टी के नेता तो यहां तक दावा कर चुके हैं कि 1 करोड़ से ज्यादा हिंदू शरणार्थी भारत आने वाले हैं।

बांग्लादेश के बड़ी अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट पर बुधवार को एक खबर प्रकाशित हुई है, जिसका शीर्षक है ‘Attacks on Hindu houses, temples, businesses go on’ यानी हिंदुओं के घरों और प्रतिष्ठानों पर हमले जारी हैं। एक दिन पहले ही यानी 6 अगस्त, मंगलवार को एक और रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें कहा गया था कि बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापार के स्थानों को निशाना बनाया जा रहा है।

बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के मेहेरपुर में ISKCON मंदिर में तोड़फोड़ हुई और आग लगा दी गई। चटगांव में इस्कॉन पुंडरिक धाम में इस्कॉन के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास बांग्लादेश में जारी हमलों के बीच हिंदू मंदिरों को लेकर गहरी चिंता जाहिर करते हैं। बातचीत में उन्होंने कहा, ‘चटगांव में 3 मंदिरों पर खतरा है, लेकिन हिंदू समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें सुरक्षित रखा है।’
सोमवार को शरियतपुर में धनुका मानसा बाड़ी मंदिर में भीड़ ने उपद्रव किया और राधा-कृष्ण की मूर्ति समेत पूरे मंदिर को ढहा दिया। डेली स्टार से बातचीत में मंदिर कमेटी के महासचिव गोबिंदो चक्रवर्ती बताते हैं कि मंदिर पर हमले के बाद उन लोगों ने हमारे घरों को घेर लिया और हमला करने वाले थे, लेकिन सेना ने बचा लिया। उसी दिन दिनाजपुर श्मशान घाट में तोड़फोड़ हुई।

बांग्लादेशी अखबार के अनुसार, बरिशाल शहर के हिंदू बहुल इलाकों में उपद्रवियों को धारदार हथियारों के साथ घूमते देखा। इनमें कटपट्टी, चौकबाजार और बाजार रोड शामिल है। बोगुरा के हिंदू बौद्ध ईसाई परिषद के सचिव तपन कुमार चक्रवर्ती का कहना है कि हिंदू समुदाय के लोग घबराए हुए हैं, क्योंकि उनके कारोबारों, दुकानों और घरों पर हमले किए गए।

पार्वतीपुर उपजिला में काली मंदिर समेत 5 मंदिरों पर हमले हुए, चिरिरबांदर उपजिला में हिंदू परिवारों के घरों पर हमला किया गया, हरिशोभा के लिए बनाई गई जगह पर भी तोड़फोड़ हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, बीरमपुर उपजिला में दिलीप कुंडू का घर तोड़ दिया गया और कहा जा रहा है कि हमले की योजना का ऐलान लाउडस्पीकर पर हुआ।

बोचागंज में कई हिंदू परिवारों के साथ आगजनी की कोशिश की गई।
पटुआखआली के कुआकाटा में मंदिर पर हमला हुआ और हिंदू समुदाय के घरों को निशाना बनाया गया। कोलापारा म्यूनिसिपल मेयर बिपुल हलदर के घर और कार को आग लगा दी गई। बारीशाल के गौरानंदी उपजिला में भोला साहा नाम के शख्स की दुकान में लूटपाट की। महिला यूनियन में महिलारा सेकेंडरी स्कूल की शिक्षिका के घर में ही उनपर हमला कर दिया। बरिशाल शहर के बड़े कारोबारियों में से एक जिबोन कृष्ण पिपलई के घर को आग लगा दी गई।

यहां भी हुए हमले
हातीबंधा उपजिला के पूर्व सर्दुबी गांव में हिंदुओं के 12 घरों में आग लगा दी गई, पंचगढ़ में भी कई हिंदू घरों में तोड़फोड़ हुई। कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में 4 हिंदू परिवारों के घर लूट लिए गए। दिनाजपुर टाउन और अन्य उपजिलों में कम से कम 10 हिंदू घरों पर हमले हुए। रेलबाजारहाट में भी मंदिर पर हमले की कोशिश हुई, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे रोक लिया। अखबार से बातचीत में HBCOP के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने बताया कि खानसामा उपजिला में 3 हिंदू घरों पर हमले हुए।

किशोरगंज में दो हिंदू घरों में आग लगा दी गई, रोजान उपजिला में भी दो अन्य हिंदू घरों पर हमले हुए। जाशोर में हिंदुओं की 22 दुकानों पर लूट हुई और कई घरों में तोड़फोड़ मचाई गई। बहरहाल, ऐसी ही कहानियां और भी हैं। खास बात है कि इतना सब महज डेढ़ दिन में ही हो गया। उपद्रवियों ने इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना के घर तक को नहीं छोड़ा।

बांग्लादेश में हिंदू
बांग्लादेश के ‘Population and Housing Census 2022’ के अनुसार मुल्क की कुल आबादी 16 करोड़ 98 लाख 28 हजार 911 है। इनमें हिंदू 1 करोड़ 31 लाख 44 हजार 204 हैं। जबकि, मुस्लिम 15 करोड़ 04 लाख 22 हजार 600 हैं। बांग्लादेश की कुल जनसंख्या में हिंदू 7।96 फीसदी हैं। मुल्क में सबसे ज्यादा हिंदू सिलहट (13।51 फीसदी) में रहते हैं।

जब खोज-खोज कर मारे गए हिंदू
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के अनुसार, बांग्लादेश में ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत 25 मार्च 1971 को हिंदुओं के नरसंहार का आगाज हुआ। इसके तहत बांग्लादेश के आजादी के आंदोलन को कमजोर किया जाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना ने हिंदू घरों और गांवों को निशाना बनाना शुरू किया। कहा जाता है कि पहली ही रात में 5 हजार से 1 लाख के बीच लोग मारे गए थे।

क्या भारत आ रहे हैं बांग्लादेशी हिंदू
पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट से विधायक और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को मारा जा रहा है। रंगपुर के पार्षद की हत्या कर दी गई। सिरसागंज में 13 पुलिसकर्मियों को मार दिया गया, जिसमें 9 हिंदू थे। अब तैयार हो जाएं, क्योंकि 1 करोड़ बांग्लादेशी हिंदू बंगाल आ रहे हैं।’

अधिकारी ने कहा कि उन शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ”बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है। अगर अगले कुछ दिनों में बांग्लादेश में स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बंगाल के लोगों को 1947 या 1971 के मुक्ति संग्राम की तरह एक करोड़ से ज्यादा शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’