हिंसा में मौतों की जिम्मेदार पूर्व पीएम शेख हसीना, अंतर्राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल में एक और केस दर्ज
ढाका । बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश छोड़कर भागने पर मजबूर हुई हसीना को बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के हुई हिंसा में मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस बीच उन पर हत्या का एक और केस दर्ज हो गया है। हसीना और उनकी सरकार में शामिल कई मंत्रियों और आला अधिकारियों पर नरसंहार, हत्या और शोषण के आरोपों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में एक और शिकायत दर्ज कराई गई है। शेख हसीना के खिलाफ आईसीटी में यह दूसरी शिकायत है।
शेख हसीना के अलावा मामले में कई नेताओं के नाम शामिल
यह शिकायत विरोध प्रदर्शनों के दौरान गोली लगने से मारे गए छात्र के पिता मोहम्मद सनाउल्लाह ने दर्ज कराई है। सनाउल्लाह के वकील गाजी एमएच तमीम ने उनकी ओर से शिकायत दर्ज कराई। शेख हसीना के अलावा मामले में पूर्व परिवहन मंत्री और अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री मोहम्मद अली अराफात, पूर्व आईसीटी राज्य मंत्री, पूर्व आईजीपी, डीएमपी की जासूसी शाखा के पूर्व प्रमुख, पूर्व डीएमपी आयुक्त और पूर्व आरएबी महानिदेशक को भी मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा कई मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, सांसदों और पुलिस और आरएबी के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अवामी लीग, जुबो लीग और छात्र लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पिछले महीने गोली लगने से हुई थी मेहेदी की मौत
जानकारी के मुताबिक 20 जुलाई को शाम करीब 5 बजे सनाउल्लाह का इकलौता बेटा मेहेदी हसन मुंशीगंज के गजरिया में अपने गांव बार रायपारा में विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुआ था। तभी पुलिस और अवामी लीग के नेताओं ने अपने कार्यक्रमों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इस दौरान मेहेदी के सिर में गोली लगी। मेहेदी तुरंत जमीन पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।
आईसीटी ने शुरू कर दी है जांच
इस बीच आईसीटी ने शेख हसीना समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या, नरसंहार और शोषण के आरोप में जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता के वकील ने कहा है कि इस मामले में एक जांच अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी गई है। इससे पहले शेख हसीना पर बुलबुल कबीर ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनके बेटे आरिफ अहमद सियाम की भी विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी।