महिला ट्रेनी डॉक्‍टर के सिर से पैर तक हर अंग में जख्म, परिवार पर चुप रहने का दबाव

कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर से वीभत्स रेप और हत्याकांड पर लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मामले में पहले कार्रवाई में हीलाहवाली फिर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों तक उपद्रवियों ने हमला कर दिया। उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की और क्राइम सीन तक जाना चाहते थे। इसको लेकर यह जानकारी ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर सुबर्णा गोस्वामी ने दी है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को आखिर कौन भेज सकता है। सत्ता पक्ष ही इसे कवर अप करना चाहेगा।

पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी का जिक्र करते हुए डॉ. गोस्वामी ने कहा कि वारदात डराने वाली है। डॉक्टर ने कहा, पीड़िता के परिजनों ने मुझे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी दिखाई। यह बताती है कि डॉक्टर के सिर से पैर तक कोई भी अंग ऐसा नहीं था, जहां जख्म न हो। आंख, नाक, होंठ, प्राइवेट पार्ट, अंगुली, पंजे समेत पूरे शरीर में बुरी तरह से जख्म थे। इसके अलावा पीड़िता के शरीर से 150 मिलीग्राम वीर्य पाया गया। इस मामले में कोई एक रेपिस्ट नहीं था। ऐसा लगता है कि इसमें कई लोग शामिल थे। पुलिस इस मामले में लोगों को भ्रमित कर रही है। अब तक पुलिस यह नहीं मान रही है कि इस कांड में कई लोग शामिल थे।

उन्होंने उपद्रवियों के हमले को लेकर बताया, बड़ी संख्या में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे थे। नागरिक भी साथ आए थे। इसी दौरान रात को उपद्रवियों ने हमला कर दिया। करीब 30 से 40 लोग घुसे और उस दौरान पुलिस मौके से गायब हो गई। ऐसा लग रहा था कि यह पहले से तय था और इसीलिए पुलिस गायब हो गई। डॉक्टरों ने तो किसी तरह खुद को बचाया और कई लोग तो टॉयलट तक में छिप गए। ये लोग तो क्राइम सीन को खत्म करने आए थे ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके, लेकिन वे वहां तक पहुंच नहीं सके। इसके अलावा उन उपद्रवियों का इरादा आंदोलन को खत्म कराना था और इसके लिए वे लोगों को डरा रहे थे।

डॉक्टर गोस्वामी ने कहा कि हमलावरों के मन में कोई डर नहीं था। उन्होंने सीसीटीवी स्टोरेज रूम पर भी अटैक किया। उनका इरादा था कि ऐसा उपद्रव कर दें कि पुलिस को धारा 144 लगानी पड़े और फिर प्रदर्शन को रोक दिया जाए, जो डॉक्टर कर रहे हैं। गोस्वामी ने आरोप लगाया कि ये लोग सत्ता पक्ष की तरफ से ही आए थे। आप देखेंगे कि रेप और हत्या की शिकार डॉक्टर के घर में बताया गया कि आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है। इसके बाद जब उसके मां-पिता अस्पताल पहुंचे तो वे तीन घंटे तक अपनी बेटी के शव को नहीं देख पाए। अस्पताल प्रशासन ने तो उस डॉक्टर की ही मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा जल्दबाजी में ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया ताकि कवर अप किया जा सके।