कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस, आईएमए ने शुरू की 24 घंटे की हड़ताल, अस्‍पतालों मरीज परेशान

नई दिल्ली. कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से पूरे देश के डॉक्टरों ने शनिवार से 24 घंटे के दौरान सेवाएं नहीं देने का आह्वान किया है. डॉक्टर शनिवार से 24 घंटे की हड़ताल पर हैं. डॉक्‍टरों ने प्रदर्शन भी किया. इसका व्यापक असर दिख रहा है. देश के अधिकांश राज्यों के अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बाधित है. सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक भी इसके समर्थन में बंद हैं. आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूरी चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में शनिवार को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है. आईएमए अपराध की गहन और समय पर जांच, डॉक्टरों की सुरक्षा और 15 अगस्त की रात को अस्पताल में हुई तोड़फोड़ में शामिल लोगों की पहचान और सजा की भी मांग कर रहा है.

नियमित आउट पेशेंट सेवाओं (ओपीडी) और वैकल्पिक सर्जरी सहित अधिकांश अस्पताल विभाग सप्ताहांत में बंद हैं. आपातकालीन देखभाल और गंभीर उपचार जैसी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हैं. आपातकालीन विभाग किसी भी जरूरी चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए खुले हैं. हड़ताल का असर सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों पर दिखा. दिल्ली में डॉक्टर्स की हड़ताल, आईएमए का ऐलान- 24 घंटे बंद रहेगा काम.

आईएमए की एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. विनय अग्रवाल ने कहा कि हमारी मांग है कि जिस महिला डॉक्टर की हत्या हुई, उनको न्याय मिले. डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाए और अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए। उन्होंने कोलकाता अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की भी निंदा की.

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआइएमए) ने शनिवार को शाम पांच बजे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) से जंतर-मंतर तक कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की है. इसमें दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर शामिल होंगे. एम्स दिल्ली की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वाति तोमर ने कहा, महिलाओं को अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण देना जरूरी है, ताकि वे घरों से बाहर निकलकर आराम से काम कर सकें.

एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों के बाद अब फैकल्टी एसोसिएशन ने भी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। फैकल्टी एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई जघन्य वारदात को देखते हुए शनिवार को इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर वह अन्य चिकित्सा सेवाओं का कोई काम नहीं करेंगे. संगठन के मुताबिक इमरजेंसी सेवा में के पूरा सहयोग करेंगे लेकिन ओपीडी रूटीन सर्जरी आदि सेवाओं का बहिष्कार करेंगे. इसकी फैकल्टी संगठन का कहना है की डॉक्टर को सुरक्षित वातावरण देने के लिए केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को माना जाए.

रेप केस मामले पर भड़के ग्वालियर के जूनियर डॉक्टर्स

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद लोगों में काफी गुस्सा है. लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इस घटना के बाद बंगाल सरकार भी निशाने पर आ गई है. देशभर के डॉक्टर न्याय की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर ग्वालियर के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं. हालांकि डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी हैं. उनका कहना है कि जांच की शुरुआत में सरकार ने इस पूरे मामले को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की. ऐसे में उनका कहना है कि कहीं न कहीं उनका बंगाल सरकार से भरोसा उठ गया है.