गेंदबाज का खुलासा, कप्तानी की चाह लिए घूम रहे हैं जसप्रीत बुमराह !

मुंबई। जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी में टीम इंडिया के लीडर हैं, लेकिन उनके पिछले कुछ बयानों से साफ लग रहा है कि उनके अंदर टीम का कप्तान बनने की चाह है। जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन मौजूदा समय में उनको ना तो कप्तानी और ना ही उपकप्तानी मिल रही है। वहीं, अगर उनके पिछले कुछ बयानों पर नजर डालें तो उन्होंने एक बार खुद को ही सबसे अच्छा कप्तान बताया था, जबकि अब एक और बयान उन्होंने दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है गेंदबाज “स्मार्ट” होते हैं, क्योंकि वे “बल्ले के पीछे नहीं छिपते” और उनका मानना ​​है कि गेंदबाज नेतृत्व की भूमिका के लिए बिल्कुल सही हैं।

जसप्रीत बुमराह ने सभी को कपिल देव और इमरान खान की अपनी-अपनी टीमों के कप्तान के रूप में सफलता की याद दिलाई। यहां तक कि अब पैट कमिंस सफल कप्तान हैं, जो आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीत चुके हैं और 2023 वनडे विश्व कप विजेता कप्तान भी हैं। जसप्रीत बुमराह ने कहा कि “मेरा मानना ​​है कि गेंदबाज चतुर होते हैं, क्योंकि उन्हें बल्लेबाजों को आउट करना होता है।”
उन्होंने आगे कहा कि “गेंदबाजों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और उन्हें बल्ले के पीछे नहीं छिपना पड़ता, उन्हें सपाट विकेट के पीछे नहीं छिपना पड़ता। हम हमेशा निशाने पर होते हैं। जब हम कोई खेल हारते हैं, तो आमतौर पर गेंदबाजों को ही दोषी ठहराया जाता है। इसलिए यह एक कठिन काम है। हमने पैट कमिंस को वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करते देखा है। जब मैं बच्चा था, तो मैंने वसीम अकरम और वकार यूनुस को कप्तान के रूप में देखा था। कपिल देव ने हमें विश्व कप जिताया है। इमरान खान ने पाकिस्तान के लिए विश्व कप जीता है। इसलिए गेंदबाज समझदार होते हैं।”

बुमराह एक टेस्ट और दो टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोग बल्लेबाजों के साथ अधिक जुड़ते हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि भारतीय खेमे में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि हमारा देश बड़े बल्लेबाजों को पसंद करता है और यह सही भी है, लेकिन मेरे लिए, गेंदबाज खेल को आगे बढ़ाते हैं। मैं उस पीढ़ी से आता हूं जहां टेस्ट क्रिकेट को टेलीविजन पर अधिक दिखाया जाता था और मेरे लिए, आज तक, यह सबसे बड़ा प्रारूप है, क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं इसमें अच्छा करता हूं, तो अन्य सभी प्रारूप खुद ही अपना ख्याल रखेंगे।”