बुलडोजर का दिमाग नहीं…, पता नहीं जनता कब स्टेरिंग बदल दे? अखिलेश का योगी पर तंज

गोरखपुर । यूपी में बुलडोज़र पर सियासत गरमा गई है। अखिलेश यादव और सीएम योगी में वार-पलटवार तेज हो गया। पहले अखिलेश का बयान सामने आया जिसमें कहा किे 2027 में चुनाव जीतने पर गोरखपुर की ओर बुलडोजर के रुख मोड़ा जाएगा। इस बयान पर सीएम योगी ने पलटवार किया है। सीएम योगी ने कहा है कि बुलडोज़र पर हर व्यक्ति का हाथ नहीं फिट हो सकता, इसके दिल और दिमाग होना चाहिए। इस पर अब अखिलेश ने भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि बुलडोजर के दिमाग नहीं होता। जनता पता नहीं कब स्टेरिंग बदल दे। दिल्ली वाले कब किस का स्टेरिंग बदल दें पता नहीं? अखिलेश ने कहा कि बुलडोजर नाइंसाफी का प्रतीक है। प्रदेश सरकार क्या बुलडोजर चलाने के लिए माफी मांगेगी क्या? अब सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सुना दिया है।

बुलडोज़र का रुख गोरखपुर की तरफ मुड़ जाएगा

आज लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर बुलडोज़र का रुख गोरखपुर की तरफ मुड़ जाएगा के सवाल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इसमें गलत क्या है। लखनऊ के होटल में आग लगी थी तब बुलडोज़र चाभी खो गयी थी क्या? अखिलेश ने कहा कि उपचुनाव की 10 की 10 सीट पीडीए को जनता जिताने वाली है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा अगर कोई आज दुखी है तो हमारे शिक्षक है। आज यूपी में किसी भी स्तर पर अपॉइंटमेंट हो सब पर उंगली उठ रही। कल कोर्ट ने कहा है अब बुलडोज़र नहीं चल सकता। सरकार अब माफी मांगें।

सबसे ज्यादा जंगल कोई काट रहा भाजपा के लोग

जहां तक माफिया की बात है। पुराने रिकॉर्ड उठा के देख लीजिए किसी और को भी माफिया कहा जाता था। भाजपा का अंदर का मामला चल रहा। इसी से बीपी बढ़ा है। दिल्ली चले जाए। भेड़िए के आतंक के सवाल पर कहा कि सरकार नहीं बता पा रह कौन उठा ले जा है। बहराइच में जान जा रही सरकार ध्यान नहीं दे रही। सबसे ज्यादा जंगल कोई काट रहा भाजपा के लोग काट रहे। आरक्षण तभी बेचेगा जब भाजपा यहां से हटेगी।

बुलडोजरों का रुख गोरखपुर के एवज में अखिलेश का बयान

दरअसल, अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि 2027 में सरकार बनने के बाद सभी बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ कर दिया जाएगा। इसी की प्रतिक्रिया में योगी ने नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अखिलेश यादव पर हमला बोला है।

सीएम योगी ने दिया ये जवाब

सीएम योगी ने अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कहा कि बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ फिट नहीं हो सकते। इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए। बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो वही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के आगे नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।रंग रोगन बदलकर जनता के सामने वही लोग आए हैं जो भर्ती के नाम पर लूट-खसोट करते थे। उन्होंने कहा कि टीपू सुलतान बनने के सपने देख रहे हैं। इन लोगों को मुंगेरी लाल के हसीन पसने देखने की आदत हो गई है, जो कभी पूरी नहीं होगी।

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