हमास आतंकियों से भिड़ गए इजरायल बंधक…, सुरंग में मिली लाशों पर IDF का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली । 10 दिन पहले गाजा की सुरंग में इजरायली सेना को 6 इजरायली बंधकों की लाशें मिली थी। जिसे लेकर पूरे इजरायल में गुस्से की लहर है। इजरायल में आम लोग अब लाखों की भीड़ के साथ सड़क पर उतरकर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और हमास से युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। अब आईडीएफ ने सुरंग में मिली लाशों के ढेर पर बड़ा खुलासा किया है। बंधकों के परिवारवालों को दिए बयान में आईडीएफ ने खुलासा किया कि मौत से पहले उन्होंने साहस दिखाया और हमास आतंकियों से बचने की पूरी कोशिश की। वे छटपटाए और बचने के लिए हमास आतंकियों से भिड़ गए थे और इसी कोशिश में मारे गए। हमास ने बंधकों को बेहद दयनीय अवस्था में छिपाकर रखा था। उन पर हर दिन अत्याचार हो रहे थे। भोजन और पानी की कमी के चलते वे बेहद कमजोर हो गए थे और सही ढंग से चल भी नहीं पा रहे थे।
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, चैनल 12 और चैनल 13 ने आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी के हवाले से बताया कि परिवारवालों को उन छह बंधकों के साहस और हमास आतंकियों के साथ हुई उनकी मुठभेड़ के बारे में बताया गया है। यह भी बताया गया कि वे किन कठिन परिस्थितियों में वहां जी रहे थे।
छह बंधकों के परिवारवालों से मुलाकात की
हगारी ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले दिनों उन छह बंधकों के परिवारवालों से मुलाकात की। चैनल 12 न्यूज को दिए इंटरव्यू में हगारी ने कहा घटना को लेकर सेना की जांच के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं। उन्हें कठोर परिस्थितियों में सुरंग में रखा गया था। परिवारों को उस सुरंग के अंदर के साक्ष्य भी दिखाए गए, जहां उन्हें मारा गया था।
आईडीएफ की रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईडीएफ का मानना है कि 31 अगस्त को सुरंग तक पहुंचने से एक या दो दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई थी। इसमें कहा गया है, “ऐसा अनुमान है कि छह में से 4 ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। उन लोगों ने हमास आतंकियों पर अटैक किया लेकिन, भोजन और पानी की कमी के कारण वे ढंग से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। इस संघर्ष के दौरान हमास आतंकियों ने उन्हें गोली मारी।” चैनल 13 ने “फोरेंसिक” निष्कर्षों का हवाला दिया। इससे पता चलता है कि “ बंधकों में हर्श, ओरी, एलेक्स और अल्मोग ने हमास पर हमला किया था। उनके शरीर में चोट और संघर्ष के निशान हैं।”
सुरंग में हवा का भी नामोनिशान नहीं
चैनल 12 की रिपोर्ट में कहा गया है कि छह लोगों को एक छोटी और बहुत संकरी सुरंग में रखा गया था। यह सुरंग मुश्किल से दो लोगों के लिए थी लेकिन, उसमें छह लोगों को ठूंस-ठूंसकर रखा गया। परिवारों को बताया गया कि वहां हवा निकलने का रास्ता भी नहीं था और बंधकों को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। सुरंग में शौचालय या शॉवर नहीं था। बंधकों के पास बहुत कम भोजन था और उनका वजन बहुत कम हो गया था। हत्या से पहले येरुशालमी का वजन केवल 36 किलोग्राम (80 पाउंड) रह गया था।