भारत को टेस्‍ट क्रिकेट में मिल सकता है जहीर खान का रिप्लेसमेंट! क्या रोहित देंगे मौका?

नई दिल्‍ली । इंडिया वर्सेस बांग्लादेश टेस्ट सीरीज (India vs Bangladesh Test Series)का आगाज 19 सितंबर से होने जा रहा है। इस सीरीज के जरिए भारत (India)की नजरें 10 साल बाद टेस्ट क्रिकेट(Test cricket) में जहीर खान(zaheer khan) के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी को पूरा करने पर होगी। इसके लिए कप्तान रोहित शर्मा को यश दयाल को मौका देना होगा। अगर यह तेज गेंदबाज बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में विकेट चटकाने में कामयाब रहता है तो उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी चुना जा सकता है और हो सकता है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए उनके लिए दरवाजे खुल जाए। बीसीसीआई ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले के लिए जिन 16 खिलाड़ियों को चुना है जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, यश दयाल और आकाशदीप के रूप में चार तेज गेंदबाज हैं।

1945 के बाद से अब तक कुल 349 तेज गेंदबाज

विजडन के अनुसार, 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद से, कुल 349 तेज गेंदबाजों ने टेस्ट क्रिकेट में कम से कम 20 पारियों में गेंदबाजी की है। विजडन के अनुसार, इनमें से 49 तेज गेंदबाज बाएं हाथ के हैं। इस दौरान भारत के 29 तेज गेंदबाजों में से छह ही बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रहे। इनमें से दो क्रमशः 1960 और 1970 के दशक के दौरान रूसी सुरती (45 पारी और 42 विकेट) और करसन घावरी (69 पारी और 109 विकेट) थे।

इस प्रकार रहे भारत के तेज गेंदबाज

1990 के दशक के अंत तक चले सूखे के बाद, भारत की रेड बॉल टीम में आशीष नेहरा (1999), जहीर (2000), इरफान पठान (2003) और आरपी सिंह (2006) के रूप में प्रतिभाशाली बाएं हाथ के गेंदबाज अचानक उभरे। जहीर का करियर इनमें से सबसे लंबा रहा, उन्होंने 92 टेस्ट मैच खेले और 165 पारियों में 311 विकेट चटकाए। उनके अलावा पठान भी थोड़े असरदार रहे, उन्होंने 29 टेस्ट की 54 पारियों में 100 विकेट चटकाने के साथ-साथ बल्ले से भी योगदान दिया। वहीं नेहरा ने 1999-2004 तक 17 टेस्ट खेले, 25 पारियों में 44 विकेट लिए। आरपी का टेस्ट करियार छोटा ही था, क्योंकि 2006-2011 के बीच उन्होंने सिर्फ 14 टेस्ट खेले, 25 पारियों में 40 विकेट लिए।

इनमें तीन मैच जयदेव उनादकट ने तो 1 मैच टी नटराजन ने खेला

2014 में जहीर खान के रिटायरमेंट के बाद भारत को सिर्फ 4 ही टेस्ट मैचों में बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की सेवाएं मिली, इनमें तीन मैच जयदेव उनादकट ने तो 1 मैच टी नटराजन ने खेला। यह दोनों ही लंबे समय तक टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के होने से स्पिनर्स को भी मदद मिल सकती है, वह ओवर द विकेट गेंदबाजी कर एक रफ पैच क्रिएट कर सकता है जिसका फायदा स्पिनर्स दूसरे एंड से उठा सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए कई बार मिचेल स्टार्क को ऐसा करते देखा गया है।

यश दयाल अभी 26 साल के है, ऐसे में वह टीम इंडिया में लंबे समय तक टिक सकते हैं। अगर उनके फर्स्ट क्लास करियर की बात करें तो, 24 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 76 विकेट हैं, जिसमें एक 5 विकेट हॉल के साथ 5 चार विकेट हॉल है। यश दयाल के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक अर्धशतक भी दर्ज है।