Ben Curran : करन परिवार से इंग्लैंड के लिए खेल रहे सैम और टॉम; तीसरा भाई अब करेगा डेब्यू
नई दिल्ली । इंटरनेशनल क्रिकेट(International Cricket) में कई भाइयों की जोड़ियां एक देश के लिए खेली हैं। लेकिन आपने शायद ही दो भाइयों (two brothers)को अलग-अलग देश का प्रतिनिधित्व (Country representation)करते सुना हो। हालांकि, क्रिकेट में आने वाले समय में एक हैरान कर वाला नजारा देखने को मिल सकता है। ऑलराउंडर सैम करन और टॉम करन के भाई बेन करन जिम्बाब्वे की ओर से इंटरनेशनल डेब्यू कर सकते हैं। बता दें कि सैम और टॉम इंग्लैंड के लिए खेलते हैं। बेन पिछले कुछ समय से जिम्बाब्वे में घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं।
बेन अब जिम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व करने के योग्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 वर्षीय बेन अब जिम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व करने के योग्य हैं। बेन ने नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेलने के बाद एक अलग रास्ता अपनाया। उनका जिम्बाब्वे की प्रथम श्रेणी लीग लोगान कप में हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने दो अर्धशतक और एक शतक सहित 458 रन बनाए। बेन जिम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व करने के सभी मानदंडों को पूरा कर चुके हैं। वह जिम्बाब्वे की राष्ट्रीय टीम में सिलेक्शन के लिए उपलब्ध हैं।
पिता केविन करन जिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके
बेन टॉप ऑर्डर बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करियर में अभी तक 42 फर्स्ट क्लास, 32 लिस्ट ए और 30 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें क्रमश: 2063, 741 और 575 रन जुटाए। उन्होंने इस दौरान कुल 10 सेंचुरी जड़ीं और 22 अर्धशतकीय पारियां खेलीं। बेन जैसे ही जिम्बाब्वे के लिए डेब्यू करेंगे तो करन परिवार में 50-50 हो जाएगा। दरअसल, परिवार के दो सदस्य इंग्लैंड और दो जिम्बाब्वे का करने वाले बन जाएंगे। बेन, सैम और टॉम के पिता केविन करन जिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके हैं।
केविन लंबे समय तक काउंटी क्रिकेट खेला
केविन ने 1983 से 1987 तक जिम्बाब्वे के लिए 11 वनडे मैच खेले, जिसमें 287 रन बनाने के अलावा 9 विकेट चटकाए। केविन जिम्बाब्वे से खेलने के बाद इंग्लैंड में शिफ्ट हो गए थे और लंबे समय तक काउंटी क्रिकेट खेला। वह साल 2000 में जिम्बाब्वे को कोचिंग देने के लिए वापस लौटे। उनका 2012 में 53 साल की उम्र में निधन हो गया। पिता की मौत के बाद तीनों भाई इंग्लैंड आ गए थे। टॉम सबसे बड़े हैं। उन्होंने दिसंबर 2017 में इंग्लैंड के लिए डेब्यू। वहीं, भाइयों में सबसे छोटे सैम ने जून 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।