जेईएम ने कारोबार को बढ़ाने के लिए लेनदेन शुल्क में भारी कटौती की, नई दरें प्रभावी

नई दिल्ली। सार्वजनिक खरीद पोर्टल जेईएम (Public Procurement Portal GeM) ने गवर्नेंस (Governance) के 100 दिन पूरा होने के अवसर पर कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अपने पोर्टल पर विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं (service providers) पर लगाए जाने वाले लेन-देन शुल्क (Transaction Fee) में उल्लेखनीय कटौती की है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेईएम) पोर्टल (Government e-Marketplace (GeM) portal) की नई राजस्व नीति 9 अगस्त, 2024 से प्रभावी हो गई है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेईएम) ने हाल में अपने प्‍लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वाले विक्रेताओं या सेवा प्रदाताओं पर लगाए जाने वाले लेन-देन शुल्क में उल्लेखनीय कटौती की है। मंत्रालय ने कहा कि जेईएम की नई नीति के अनुसार 10 लाख रुपये तक के सभी ऑर्डर पर अब शून्य लेन-देन शुल्क लगेगा, जबकि पहले ऑर्डर मूल्य की अधिकतम सीमा 5 लाख रुपये थी।

इसी तरह 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के ऑर्डर पर कुल ऑर्डर मूल्य का 0.30 फीसदी लेन-देन शुल्क लगाया जाएगा, जबकि पहले 0.45 फीसदी लेन-देन शुल्क लगता था। इसके अलावा 10 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर पर अब 3 लाख रुपये का फ्लैट शुल्क देना होगा, जो पहले 72.5 लाख रुपये तक के लेन-देन शुल्क से बहुत कम है।

मंत्रालय के मुताबिक जेईएम पर लगभग 97 फीसदी लेन-देन पर अब कोई लेन-देन शुल्क नहीं लगेगा, जबकि शेष 10 लाख रुपये से अधिक के ऑर्डर पर मूल्य का 0.30 फीसदी की दर से मामूली शुल्क लगेगा, जो अधिकतम 3 लाख रुपये तक होगा, चाहे ऑर्डर का आकार कुछ भी हो। यह कदम जेईएम पर व्यापार करने में आसानी के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह लेन-देन की लागत में कमी लाने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप भी है।

उल्‍लेखनीय है कि जेईएम एक एकीकृत डिजिटल प्‍लेटफॉर्म है जो विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों के विभागों, सार्वजनिक उद्यमों, स्वायत्त निकायों, पंचायतों, राज्य सहकारी समितियों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी शुरुआत वर्ष 2016 में की थी।