अब Google को AI के लिए मिलेगी ज्यादा पावर, साइन की ये बड़ी डील

नई दिल्ली। Google ने अपने AI के लिए एक बड़ी डील साइन की है। इसमें कंपनी ने छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर प्लांट से एनर्जी के लिए Kairos के साथ पार्टनरशिप की है। कंपनी को AI के लिए ज्यादा पावर की जरूरत है और आने वाले दिनों में ये डिमांड और बढ़ेगी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनी ने ये बड़ी डील की है। आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं।

टेक्नोलॉजी कंपनी ने यह एग्रीमेंट Kairos Power के साथ किया है। Kairos का पहला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर साल 2030 तक ऑनलाइन आएगा। इसके बाद 2035 तक आगे के मॉड्यूलर को जोड़ा जाएगा।

अमेरिका में तैयार होंगे ये प्लांट्स
कंपनियों ने अभी तक इस डील की फाइनेंशियल डिटेल्स को शेयर नहीं किया है। इस एग्रीमेंट के तहत ये प्लांट्स अमेरिका में तैयार किए जाएंगे। इनकी मदद से AI सिस्टम के लिए पावर सप्लाई की जाएगी।

Google ने कहा है कि उसने टोटल 500 मेगावाट्स पावर की डिमांड के लिए एग्रीमेंट्स किया है। यह पावर 7 SMR से मिलेगी, जो आज के न्यूक्लीयर रिएक्टर की तुलना में काफी छोटे साइज के होंगे।

कई टेक्नोलॉजी फर्म ने हाल ही में न्यूक्लियर पावर कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है। AI सिस्टम के लिए अचानक से ज्यादा पावर डिमांड देखी जा रही है, जिसे पूरा करने के लिए ये पार्टनरशिप की जा रही हैं।

मार्च महीने में Amazon।com ने न्यूक्लियर पावर डेटा सेंटर को Talen Energy से खरीदा था। बीते महीने Microsoft और Constellation Energy के बीच पावर डील हुई है, जिसकी मदद से कंपनी न्यूक्लियर पावर हासिल करना चाहती है।

खुद का AI तैयार कर रही हैं टेक कंपनियां
Google, Microsoft और Apple समेत ढेरों कंपनियां AI को लेकर काम कर रही हैं। भविष्य की मांग को देखते हुए अधिकतर कंपनियां एक AI सिस्टम तैयार करने चाहती हैं, जो दूसरी कंपनियों से ज्यादा एडवांस और एक्युरेट होना चाहिए।

क्या होते हैं छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर?
छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) एक तरह के परमाणु रिएक्टर होते हैं। ये रिएक्टर, पारंपरिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की तुलना में साइज में छोटे हैं। इनमें काफी एडवांस सर्विसेस होती हैं। SMR की बिजली उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट तक होती है। इन्हें फैक्टरी आदि में बनाया जा सकता है और फिर उन्हें किसी दूसरी लोकेशन पर भी ट्रांसफर भी कर सकते हैं।