आतंकवादी पन्नू केस में खफा US ने विकास यादव के खिलाफ निकला, अरेस्ट वॉरंट

नई दिल्ली। एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने दावा किया कि आरोपी एक भारतीय सरकारी कर्मचारी रहा है। उसने कथित तौर पर आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर साजिश रची और अमेरिका की धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का प्रयास किया। रे ने आगे कहा, ‘अमेरिका में रहने वालों के खिलाफ हिंसा या प्रतिशोध के अन्य प्रयासों को FBI बर्दाश्त नहीं करेगी। हम विदेशी नागरिकों का पता लगाने, उन्हें रोकने और जवाबदेह ठहराने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो अंतरराष्ट्रीय दमन के ऐसे कृत्यों में शामिल होने की फिराक में हैं।’

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने दावा किया कि आरोपी एक भारतीय सरकारी कर्मचारी रहा है। उसने कथित तौर पर आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर साजिश रची और अमेरिका की धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का प्रयास किया।

संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने भारतीय नागरिक विकास यादव को मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया है। साथ ही, उसके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट भी जारी हुआ है। यादव पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, भारतीय रॉ अधिकारी रहे विकास यादव ने पिछले साल गर्मियों में सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रची। दावा किया गया कि 39 वर्षीय यादव कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था, जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW) का मुख्यालय है। यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं है। उस पर 3 आरोप लगाए गए हैं, जिनमें भाड़े के अपराधियों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास और धन शोधन की साजिश शामिल है। न्याय विभाग ने कहा कि यादव अब भी फरार है।

विकास यादव और निखिल गुप्ता की तस्वीर जारी
18 पन्नों के अभियोग पत्र में विकास यादव की मिलिट्री यूनिफॉर्म में एक तस्वीर है। न्यूयॉर्क में एक कार में 2 व्यक्तियों की ओर से डॉलर का आदान-प्रदान करने की फोटो भी है। संघीय अभियोजकों कहना है कि इस तस्वीर में निखिल गुप्ता और विकास यादव दिख रहे हैं। इसमें यादव न्यूयॉर्क में सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए कथित हत्यारे को पैसे दे रहा था। तस्वीर 9 जून, 2020 की है। वहीं, भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने मामले की जांच के लिए जांच समिति गठित की थी। यूएस ने इस मामले में भारत के सहयोग पर संतोष जताया है।