RSS प्रमुख के बयान पर नया मोड़, अब असदुद्दीन ओवैसी ने पूछ लिया ये गंभीर सवाल…

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में बयान दिया कि हर हिंदू परिवार को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। ये बयान उन टिप्पणियों के बाद आया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान की थीं।

पीएम मोदी के बयान ने देशभर में हलचल मचा दी थी। अब मोहन भागवत का बयान और भी चर्चा में है जिसमें उन्होंने हिंदू परिवारों से तीन बच्चे पैदा करने की अपील की है। मालेगांव में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा किप्रधानमंत्री ने खुद कहा था कि जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें अपना मंगलसूत्र उतारकर दूसरा पहन लेना चाहिए. उनका कहना है कि मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा बढ़ा रहे हैं लेकिन वे इसे बदनाम कर रहे हैं. अब मोहन भागवत कहते हैं तीन बच्चे पैदा करें. ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में जन्म दर सबसे कम है.

मुस्लिमों के बढ़ती आबादी का मुद्दा

आरएसएस की पत्रिका ‘ऑर्गेनाइजर’ में 2021 में एक लेख छपा था जिसमें कहा गया था कि मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। अब मोहन भागवत द्वारा तीन बच्चों की बात करना और इस पर जोर देना उसी कड़ी का हिस्सा लगता है। झारखंड में भाजपा की ओर से तैयार किए गए एक विज्ञापन में हिंदू परिवारों के बारे में एक दृश्य दिखाया गया था। इसमें दर्शाया गया कि अचानक 40-50 मुस्लिम लोग हिंदू घर में घुस आए हैं। चुनाव आयोग ने उस विज्ञापन को रोक दिया, लेकिन अब मोहन भागवत का बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है।

भारत में जनसंख्या नियंत्रण पर आरएसएस का नजरिया

आरएसएस के इस बयान को जनसंख्या नियंत्रण के रूप में देखा जा रहा है जिसमें कहा गया है कि यदि भारत में जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 2060 में हिंदू आबादी 74।7 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी जबकि 2100 तक मुस्लिम आबादी 18।8 प्रतिशत तक रुक जाएगी। इस तरह के अनुमान का जिक्र भी किया गया है। इसके बावजूद आरएसएस के कई बयान इस तरह की विचारधाराओं को बढ़ावा देने के रूप में देखे जा रहे हैं जो समाज में तनाव और विभाजन को बढ़ा सकते हैं।

मस्जिदों पर सवाल और दरगाहों का मुद्दा

मोहन भागवत के बयान के बाद मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें 5 लोग शहीद हो गए थे। कई मस्जिदों पर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि वे पहले मंदिर थे और अब उन्हें मस्जिद के रूप में पेश किया जा रहा है इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के नेता और अन्य नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे धार्मिक स्थलों का अपमान करार दिया है।

क्या प्रधानमंत्री इन मुद्दों को रोकेंगे?

अब सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मुद्दों पर कुछ कदम उठाएंगे। मस्जिदों और दरगाहों पर बार-बार सवाल उठाने से क्या देश में धार्मिक तनाव और बढ़ेगा? क्या सरकार इन विवादों को शांत करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी या ये मुद्दे इसी तरह चलने दिए जाएंगे? ये स्थिति पूरी तरह से राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील है और इस पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे ये समय बताएगा। ओवैसी ने कहा मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि वह ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को क्या देंगे? क्या वह अधिक बच्चे पैदा करने वालों के बैंक अकाउंट में 1500 रुपये देंगे? ओवैसी ने कहा कि वह (भागवत) औलाद पैदा करे स्कीम निकालेंगे क्या? उन्होंने कहा कि जब मोहन भागवत अपने किसी करीबी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें इसके लिए कोई योजना लानी चाहिए.