Bangladesh : बांग्लादेश में अरेस्ट चिन्मय दास का बचाव करने वाले वकील पर हमला, ICU में भर्ती
नई दिल्ली । बांग्लादेश में लगातार हिंदूओं पर हो रही क्रुरता और अत्याचार की सारे हदे पार कर दी गई है। आए दिन हिंदूओं पर बर्बरतापूर्वक पिटाई और लूटपाट मचाई जा रही है। जो भी इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसे ही पुलिस के बल प्रयोग के चलते जेल में डाला जा रहा है। इस बीच एक जानकारी सामने निकलकर आ रही कि हिंदू साधु चिन्मय की वकालत कर रहे वकील पर भी कट्टपंथियों ने पर हमला कर दिया है।
बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप
इस्कॉन इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया है कि गिरफ्तार हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे बांग्लादेशी वकील पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जानलेवा हमला कर दिया है। और उनके घर पर भारी तोडफोड़ किया गया है। वे फिलहाल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती है और अपनी जान बचाने के लिए खुद से लड़ रहे है। यह घटना बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में साधु की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुइ है ।
घर में तोड़फोड़ , उन पर क्रूरता से हमला
इस्कॉन इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार रात ट्वीट किया, “कृपया अधिवक्ता रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनका एकमात्र ‘कसूर’ चिन्मय कृष्ण प्रभु का अदालत में बचाव करना था। इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर क्रूरता से हमला किया, जिससे वे आईसीयू में भर्ती हैं और अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
Please pray for Advocate Ramen Roy. His only 'fault' was defending Chinmoy Krishna Prabhu in court.
Islamists ransacked his home and brutally attacked him, leaving him in the ICU, fighting for his life.#SaveBangladeshiHindus #FreeChinmoyKrishnaPrabhu pic.twitter.com/uudpC10bpN
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 2, 2024
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, राधारमण दास ने एक बंगाली मीडिया से बातचीत में रॉय पर हमला करना यह दर्शाता है कि वें इस्कॉन से निष्कासित साधु चिन्मय दास के लिए बचाव कर है और उनके लिए वे कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हुई है इसी का यह प्रत्यक्ष परिणाम है।
राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने का फल है। 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे से अरेस्ट किए गए चिन्मय कृष्ण दास पर अक्टूबर में एक रैली के दौरान प्रदर्शन के चलते बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने के लिए देशद्रोह का मुकादता दर्ज किया गया है। इस्कॉन संगठन से निकाले जाने के बाद, भिक्षु बांग्लादेशी हिंदुओं के अधिकारों और उनके हक को सुरक्षित करने की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे थे।
प्रदर्शन के चलते एक मुस्लिम वकील की मौत
चिन्मय कृष्य दास उस समय बांग्लादेशी संमिलितो सनातनी जागोरन जोत के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद ढाका और चटगांव में विरोध प्रदर्शन शुरु हुआ, इस प्रदर्शन के दौरान उनके समर्थकों की सुरक्षा बलों के बीच हल्की झूमाझपटी हो गई थी । चटगांव के कोर्ट के बाहर प्रदर्शन के चलते एक मुस्लिम वकील की मौत हो गई। इस विरोध प्रदर्शन में पुलिस ने हिंसा के आरोप में 33 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि, बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा सबसे पहले तब भड़की जब आरक्षण कोटा व्यवस्था को लेकर तत्कालिन सरकार के खिलाफ भारी संख्या में छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया । जिसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाना पड़ा। तब से, अल्पसंख्यक समुदाय, जो बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी का केवल 8 प्रतिशत है, 200 से अधिक हमलों का सामना कर चुका है।