West Bengal: पश्चिम बंगाल से भेदभाव क्यों? मनरेगा फंड रोकने से केंद्र सरकार पर भड़के TMC सांसद
नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र का आज 6 वां दिन था। मंगलवार यानी आज भी विपक्षी सांसदों का हंगाजा जारी रहा, और अडानी, संभल जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए अड़े रहे। वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और केंद्र सरकार के बीच संसद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत राज्य को मिलने वाला फंड को लेकर तीखी बहस हो गई।
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 के लिए केंद्र सरकार की योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है और केंद्र की मोदी सरकार पैसा जारी करने में कोई दिलचस्प नहीं दिखती है।
पश्चिम बंगाल सरकार को क्यों छोड़ दिया गया?
सांसद ने आगे कहा कि, इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार को क्यों छोड़ दिया गया? कोई परामर्श क्यों नहीं किया गया? अगर आपको बंगाल के लोग पसंद नही है, तो आप बंगाल को फंड नहीं देंगे?” सांसद कल्याण बनर्जी ने प्रश्नकाल के दौरान केंद्र सरकार से पूछा और केंद्र पर राज्य के लोगों के साथ भेदभाव और सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।
कृषि मंत्री चौहान ने आरोपों का खंडन किया
इसके जवाब में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए यह दावा किया कि, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कुछ विशेष लोगों को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़े प्रोजेक्ट को तोड़कर छोटे-छोटे टुकड़ो में बांटा गया। अधिनियम के प्रावधानों को कोडिट करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि, यदि केंद्रीय निधियों का सही इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है तो मनरेगा के तहत जारी फंड को रोका जा सकता है।
गैर-लाभार्थियों को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा ये गलत
चौहान ने बनर्जी के दावे का खंडन करते हुए इन सब आरोपों का जवाब दिया। और चौहान ने आगे कहा कि, “राज्य में यह देखा गया है कि इस योजना के तहत गैर-लाभार्थियों को भी लाभार्थी के रूप में लाभ पहुंचाया गया है , जबकी नियम के अनुसार यह सब करना गलत है। और इस योजना के तहत आने वाले क्षेत्रो में ग्राम विकास योजनाओं के नाम बदल दिए गए, जिसे हम स्वीकार नही करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम बदलकर अपना नाम रख कर अपराध किया है।
योजना में कोई भ्रष्टाचार करता है तो आप कार्रवाई करिए
टीएमसी सांसद ने अपने भाषण के दौरान, यह तर्क दिया कि योजना से जुड़ी कथित अनियमितताओं पाई गई तो फिर केंद्र सरकार ने उस निधियों पर कार्रवाई क्यों नही किया । हम पिछले एक साल से कुछ अनियमितताओं के बारे में सुन रहे हैं। हमें उम्मीद होती है की इस योजना में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो केंद्र कुछ ऐक्शन लेता या जिम्मदार लोगों का पता लगाया और उन्हें अरेस्ट करेगा लेकिन आप ऐसा नहीं करते हैं। आप पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ भेदभाव कैसे कर सकते हैं? क्या यह अनुच्छेद 14 (संविधान के) का उल्लंघन नहीं करता है? बनर्जी ने सवाल किया।