एमएस धोनी 43 साल की उम्र में भी गेंदबाजों पर कहर बनकर टूटते हैं

नई दिल्ली, 43 की उम्र में कैसे गेंदबाजों की बैंड बजा रहे हैं धोनी? इसके बारे में हरभजन सिंह और आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि उनको पता है कि वह क्या कर सकते हैं।
43 की उम्र में कैसे गेंदबाजों की बैंड बजा रहे हैं धोनी? भज्जी और आकाश ने बताई वजह
महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर से आईपीएल में नजर आने वाले हैं। 2019 में आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने वाले एमएस धोनी 2025 के आईपीएल में भी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाते नजर आएंगे। एमएस धोनी की उम्र 43 साल है और इस उम्र में भी वे कैसे गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट रहे हैं? इसके बारे में हरभजन सिंह और आकाश चोपड़ा ने बात दी। एमएस धोनी को 4 करोड़ रुपये में सीएसके ने आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले रिटेन किया था। धोनी 2024 के सीजन में 14 मैचों में खेले थे और 13 छक्कों की मदद से 161 रन बनाए थे।
आईपीएल 2025 से पहले वे सीएसके के कैंप में छक्कों की प्रैक्टिस करते नजर आए। धोनी को लेकर ईएसपीएनक्रिकइंफो पर हरभजन और आकाश चोपड़ा ने बताया कि वे कैसे आज भी डोमिनेट कर रहे हैं। हरभजन ने कहा, “पिछले साल वह शानदार थे। मैं हाल ही में अपने एक दोस्त की शादी में उनसे मिला। वह बहुत फिट दिख रहे थे। मैंने उससे पूछा, क्या यह मुश्किल नहीं है, जो तुम कर रहे हो? उसने कहा, ‘यह कठिन है, लेकिन यह एकमात्र चीज है जो मुझे करना पसंद है। मैं इसका आनंद लेता हूं।’ आप जानते हैं, वह दूसरों की तुलना में कुछ बेहतर कर रहे होंगे। वह अभी भी हावी हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “पिछले सीजन में, वास्तव में, उन्होंने सभी गेंदबाजों, अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों और घरेलू शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजों पर दबदबा बनाया। इसलिए वह 2-3 महीने तक अभ्यास करते हैं, उन्हें बहुत सारी गेंदों का सामना करना पड़ता है। वह सबसे पहले आते हैं। आप जितनी ज्यादा गेंदें खेलते हैं, उतनी ही आपको वह टाइमिंग मिलती है और उतना ही आपको वह फ्लो मिलता है। वह लगातार बल्लेबाजी करते रहते हैं। चेन्नई में वह 2-2, 3-3 घंटे बल्लेबाजी करते हैं। यही बात मायने रखती है। वह मैदान पर आने वाले पहले व्यक्ति होते हैं, जाने वाले आखिरी व्यक्ति होते हैं। इस उम्र में, यही अंतर है।”
वहीं, आकाश चोपड़ा ने एमएस धोनी को लेकर कहा कि विकेटकीपर-बल्लेबाज अपने प्रति बहुत ईमानदार हैं और जानते हैं कि वह क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे यह भी लगता है कि वह खुद के प्रति बहुत ईमानदार हैं। और यह ईमानदारी बहुत मायने रखती है। हम सभी चिल्लाते रहे कि अगर वह इतनी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं तो वह आगे बल्लेबाजी करने क्यों नहीं आ सकते, लेकिन उनके दिमाग में फिट है कि वे 40 गेंदों तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते। आप सोच सकते हैं कि मैं हिट करने में सक्षम हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि मैं जानता हूं कि मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा। कभी-कभी यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है कि मैं क्या नहीं कर सकता। उनके पास वह स्पष्टता है।”