DM पर संजय सिंह का हमला: “पांच पैसे की अक़्ल नहीं”, नूरजहां FIR मामले पर गरमाई सियासत
संजय सिंह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा,
“डीएम को पाँच पैसे की भी अक़्ल नहीं है। यह पूरा मामला चुनावी खेल है और इसे मैं राज्यसभा में उठाऊँगा।”
क्यों दर्ज हुई FIR?
दो दिन पहले जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर नूरजहां के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। आरोप है कि:
नूरजहां के दोनों बेटे अमीर खान और दानिश खान कई वर्षों से दुबई और कुवैत में रहते हैं।
इसके बावजूद नूरजहां ने एसआईआर फॉर्म में उन्हें घर पर मौजूद दिखाया।
BLO द्वारा डिजिटाइजेशन के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई।
इस मामले में निम्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है:
BNS धारा 237 – गलत घोषणा देना
BNS धारा 318(2) – धोखा देना
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 – मतदाता सूची में झूठा बयान देना
संजय सिंह का आरोप: “NRI वोटरों को टारगेट करने की साजिश”
AAP सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नूरजहां के परिवार की गिरफ्तारी होती है, तो पार्टी के नेता भी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार रहेंगे।
उन्होंने कहा:
“यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि विदेश में रहने वाले सभी भारतीय मतदाताओं के अधिकारों पर हमला है।”
“जिला प्रशासन और चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर नाच रहे हैं।”
“बीजेपी बूढ़ी औरत पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर डर का माहौल बनाना चाहती है।”
उन्होंने बिहार के हालिया एसआईआर विवाद का हवाला देते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में ऐसा हुआ तो परिणाम भी वैसा ही देखने को मिल सकते हैं।
एसआईआर फॉर्म क्या होता है?
Special Intensive Revision (SIR) अभियान चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है, जिसमें BLO घर-घर जाकर यह सत्यापित करते हैं कि:
मतदाता वास्तव में पंजीकृत पते पर रहता है या नहीं
कहीं फर्जी या गलत जानकारी तो नहीं दी गई है
इस प्रक्रिया में मिली गड़बड़ियों के आधार पर नाम हटाने या कार्रवाई का प्रावधान है।
विवाद का राजनीतिक रंग
संजय सिंह ने वंदे मातरम विवाद पर भी बीजेपी पर कटाक्ष किया और कहा कि वे लोग देशभक्ति की बात कर रहे हैं जो कभी अंग्रेजों की दलाली करते थे।
वहीं, रामपुर प्रशासन का कहना है कि यह एक गंभीर चुनावी उल्लंघन है और भविष्य में जानबूझकर गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
