शाकिब अल हसन ने किया चौंकाने वाला यू-टर्न: तीनों फॉर्मेट में खेलकर लेना चाहते फेयरवेल सीरीज

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नई दिल्ली। बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास पर अपने पहले के फैसले को पलटते हुए तीनों फॉर्मेट-ओडीआई, टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल-में खेलने की इच्छा जताई है। शाकिब चाहते हैं कि वे अपने करियर की अंतिम सीरीज बांग्लादेश में घरेलू दर्शकों के सामने खेलकर विदाई लें।

रिटायरमेंट से वापसी का कारण

शाकिब ने पिछले साल अक्टूबर में भारत के खिलाफ कानपुर टेस्ट खेला था। इसके बाद उन्होंने टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी, जबकि वनडे इंटरनेशनल खेलते रहने की इच्छा जताई थी। बाद में विवाद और कानूनी मुद्दों के कारण वह टीम में वापसी नहीं कर पाए।

हाल ही में बियर्ड बिफोर विकेट पॉडकास्ट में मोईन अली से बातचीत के दौरान शाकिब ने स्पष्ट किया कि उन्होंने तीनों फॉर्मेट से आधिकारिक रूप से संन्यास नहीं लिया है। उन्होंने कहा:

“मेरी इच्छा है कि मैं बांग्लादेश लौटकर ओडीआई, टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल की पूरी सीरीज खेलूं और इसके बाद संन्यास लूँ। मैं इसे किसी भी क्रम में खेल सकता हूँ, लेकिन पूरी सीरीज खेलकर ही विदाई लेना चाहता हूँ।”

बांग्लादेश लौटने की चुनौती

शाकिब के लिए बांग्लादेश लौटना आसान नहीं है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वे किसी भी तरह की सुरक्षा गारंटी नहीं दे सकते। पिछले साल शाकिब घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ फेयरवेल टेस्ट खेलना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा चिंताओं और गिरफ्तारी के डर के कारण उन्होंने जोखिम नहीं लिया।

साथ ही शाकिब ने कहा कि वे फिट रहकर चयन के लिए उपलब्ध रहना चाहते हैं और घरेलू दर्शकों के सामने ही अपने करियर को सम्मानजनक रूप से समाप्त करना चाहते हैं।

शाकिब का करियर: शानदार ऑलराउंड रिकॉर्ड

38 वर्षीय शाकिब अल हसन ने बांग्लादेश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है:

टेस्ट: 71 मैच, 4609 रन (औसत 37.78), 246 विकेट

वनडे: 247 मैच, 7570 रन, 317 विकेट

टी20 इंटरनेशनल: 129 मैच, 2551 रन, 149 विकेट

आईपीएल: 71 मैच, 793 रन, 63 विकेट

उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की क्षमताओं ने उन्हें बांग्लादेश के सबसे बड़े ऑलराउंडरों में शामिल किया है।

शाकिब की यह वापसी और अंतिम सीरीज की योजना क्रिकेट प्रशंसकों के लिए खासा रोमांचक बन सकती है, लेकिन सुरक्षा और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उनके देश लौटने में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।