MP में सड़क अलाइनमेंट में बड़ी गड़बड़ी, फार्महाउस तक सड़क बनाने पर 3 इंजीनियर सस्पेंड

farm-h-1765186974
नर्मदापुरम । मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में लोक निर्माण विभाग PWD की एक बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है। सोहागपुर के सैनी गांव में स्थित पूर्व चीफ इंजीनियर जीपी मेहरा के फार्महाउस तक नियम विरुद्ध सड़क निर्माण करने के आरोप में विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री संजय रायकवार तत्कालीन सब इंजीनियर आरपी शर्मा और तत्कालीन प्रभारी एसडीओ राजीव कुमार पाठक शामिल हैं।

लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद यह मामला उजागर हुआ। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी की सहमति के मेहरा के फार्महाउस तक पहुंचने के लिए 390 मीटर लंबी पक्की सड़क का निर्माण किया। इससे न केवल नियमों का उल्लंघन हुआ बल्कि अवैध रूप से निजी लाभ भी सुनिश्चित किया गया। विभाग के उपसचिव राजेश शाह ने तीनों अधिकारियों को निलंबित कर जबलपुर मुख्यालय में पदस्थ कर दिया है। इस मामले में यह भी सामने आया कि शासकीय सड़क पर ही फार्महाउस का बोर्ड लगा हुआ था और निजी गेट भी बनाया गया था। इससे ग्रामीणों के आवागमन में बाधा आई और कुछ दिनों पहले कर्मचारियों ने यह गेट हटा दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि सड़क का इस्तेमाल केवल फार्महाउस के निजी उपयोग के लिए किया गया था जो नियमों के खिलाफ है।

साल 2022 में ग्राम सैनी में गजनई पालादेवरी मेन रोड से 1305 मीटर लंबी सीसी रोड बनाने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के तहत 1305 मीटर सड़क में से 390 मीटर सड़क जीपी मेहरा के कस्तूरी कृषि फार्म की जमीन पर बनाई गई। लोक निर्माण विभाग अधीक्षण यंत्री योगेंद्र कुमार ने स्पष्ट किया कि सड़क की स्वीकृति जिस जगह की थी उससे अलग जगह पर सड़क बनाई गई। एलाइमेंट बदलने में किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई यही कारण है कि तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।

यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है बल्कि यह दिखाता है कि किस तरह कुछ अधिकारी निजी लाभ के लिए नियमों की अनदेखी कर सकते हैं। अधिकारियों के निलंबन से यह संदेश भी जाता है कि सरकारी संपत्ति और नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान नियमों का पालन करना अनिवार्य है। किसी भी सड़क के एलाइमेंट में बदलाव केवल सक्षम अधिकारी की मंजूरी से ही किया जा सकता है। इस मामले में नियमों का उल्लंघन स्पष्ट है इसलिए कार्रवाई की गई है।

निलंबन के दौरान तीनों अधिकारियों को जबलपुर मुख्यालय में पदस्थ किया गया है। प्रशासन का उद्देश्य साफ है कि किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।इस घटना ने लोक निर्माण विभाग में पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। भविष्य में किसी भी सड़क निर्माण योजना में एलाइमेंट स्वीकृति और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।