सिंहस्थ 2028 के लिए 100 करोड़ की मेगा पार्किंग परियोजना भीड़ और यातायात प्रबंधन को मिलेगा नया आयाम
संपूर्ण पार्किंग नेटवर्क और आधुनिक सुविधाएं
इस परियोजना के तहत उज्जैन के 6012 हेक्टेयर क्षेत्र में एक विशाल पार्किंग नेटवर्क विकसित किया जाएगा जो सिंहस्थ-2028 के दौरान आने वाली भारी भीड़ को संभालने में मदद करेगा। इसके अलावा पार्किंग के साथ-साथ पेयजल शौचालय प्रकाश व्यवस्था सुरक्षा तंत्र यातायात संकेत और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे ना केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण में भी सुधार होगा। सरकार की यह योजना केवल पार्किंग स्थल तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देती है।
प्रोजेक्ट की कार्यप्रणाली
इस मेगा पार्किंग परियोजना को दो प्रमुख चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में डिज़ाइन और रूपरेखा तैयार करने के लिए एक परामर्शदाता फर्म का चयन किया जाएगा जिसे लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस चरण में विस्तृत इंजीनियरिंग सर्वेक्षण भू-तकनीकी अध्ययन संरचनात्मक नक्शे लागत अनुमान और आवश्यक स्वीकृतियां तैयार की जाएंगी। दूसरे चरण में निर्माण कार्य गुणवत्ता नियंत्रण साइट सुपरविजन ठेका प्रबंधन और समयबद्ध कार्य निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के अनुसार यह परियोजना समय सीमा में पूरी की जाएगी और सिंहस्थ-2028 के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन को मजबूत करेगी।
भीड़ प्रबंधन को नया रूप मिलेगा
सिंहस्थ-2028 के दौरान हर वर्ष लाखों श्रद्धालु उज्जैन आते हैं जिससे शहर में जाम और यातायात की समस्या गंभीर रूप से उभरती है। इस परियोजना से उम्मीद जताई जा रही है कि शहर के भीतर वाहनों का दबाव कम होगा और श्रद्धालुओं को प्रमुख मंदिरों और घाटों तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं होगी। पार्किंग की सुव्यवस्थित व्यवस्था से श्रद्धालुओं के आने-जाने का समय कम होगा और उन्हें अपनी यात्रा में परेशानी नहीं होगी। यह कदम भीड़ प्रबंधन के लिए एक नया अध्याय साबित होगा जहां पहले से बेहतर और अधिक व्यवस्थित व्यवस्था होगी।
सिंहस्थ 2028 का होगा आधुनिक रूप
सिंहस्थ-2028 के आयोजन को और भी सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए यह मेगा पार्किंग परियोजना एक अहम कड़ी साबित हो रही है। इससे न केवल उज्जैन शहर के भीतर यातायात व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि श्रद्धालुओं को एक बेहतर सुरक्षित और आधुनिक अनुभव मिलेगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद सिंहस्थ 2028 दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम के रूप में न केवल ऐतिहासिक होगा बल्कि यह एक आदर्श उदाहरण बनेगा कि किस तरह से डिजिटल और संरचनात्मक योजना से भीड़ और यातायात जैसे जटिल मुद्दों को हल किया जा सकता है।
इस पहल से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सिंहस्थ-2028 के आयोजन में प्रशासन ने केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बढ़ाने पर ही ध्यान नहीं दिया है बल्कि सुरक्षा और सुगमता को भी प्राथमिकता दी है। यह कदम धार्मिक समागम के दौरान होने वाली कठिनाइयों को अवसर में बदलने का एक प्रयास है जो भविष्य में अन्य बड़े आयोजनों के लिए भी एक मॉडल साबित हो सकता है।
