धनतेरस 2025: इस शाम करें दो खास उपाय, बरसेगा धन, दूर होंगी परेशानियां, मां लक्ष्मी करेंगी कृपा
नई दिल्ली। दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह दिन केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन आयु, आरोग्य और धन प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व होता है। लोग इस दिन सोना-चांदी, बर्तन और अन्य शुभ वस्तुएं खरीदते हैं ताकि पूरे वर्ष सुख-समृद्धि बनी रहे। धर्मग्रंथों और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि धनतेरस की शाम कुछ खास उपाय किए जाएं, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में स्थायी निवास करती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही दो अचूक उपाय।
पहला उपाय: बनाएं ‘धनवर्षा पोटली’, बढ़ेगा धन और मिलेगा सौभाग्य
धनतेरस की शाम ‘धनवर्षा पोटली’ तैयार करने की परंपरा बहुत प्राचीन है। यह पोटली मां लक्ष्मी की कृपा, धन की स्थिरता और कर्ज से मुक्ति का प्रतीक मानी जाती है। इसे तिजोरी या पूजा स्थान पर रखने से आर्थिक प्रगति होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ऐसे बनाएं धनवर्षा पोटली
एक साफ पीले या लाल कपड़े को लें।
उस पर हल्दी की दो गांठें, चांदी का सिक्का, मां लक्ष्मी की तस्वीर, दो सुपारी, दो गोमती चक्र, दो कौड़ी, पांच कमलगट्टे, दो हरी इलायची, दो लौंग, पीले अक्षत (चावल) और थोड़ा धनिया रखें।
इन वस्तुओं को मां लक्ष्मी को अर्पित करें और ‘ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
अब कपड़े को बांधकर पोटली बना लें और पूजा के बाद तिजोरी, अलमारी या धन रखने की जगह पर रखें।
मान्यता है कि यह पोटली घर में धन का प्रवाह बनाए रखती है, सौभाग्य लाती है और परिवार में स्थिरता बनाए रखती है। जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से इसे बनाता है, उसके जीवन में धीरे-धीरे समृद्धि का मार्ग खुलता है।
दूसरा उपाय: दीपक जलाकर करें मां लक्ष्मी का स्वागत
धनतेरस की शाम दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी कृपा का मार्ग प्रशस्त होता है। धार्मिक मान्यता है कि दीपक की लौ मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है।
दीपक जलाने के नियम और विधि
सूर्यास्त के समय घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं।
दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखें, ताकि दरिद्रता और नकारात्मक शक्तियां दूर हों।
घर के हर कमरे, रसोईघर और मंदिर में दीपक जलाएं।
रात में मुख्य द्वार के बाहर चारों दिशाओं में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
कहा जाता है कि दीपक की रोशनी से घर में शांति, सौभाग्य और धन की वृद्धि होती है। जो व्यक्ति नियमित रूप से दीपक जलाता है, उसके घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता।
धनतेरस का महत्व और कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए उनकी पूजा की जाती है।
एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन यमराज से राजा हिमंत के पुत्र की रक्षा दीपदान के कारण हुई थी। तभी से धनतेरस पर यमदीपदान का विशेष महत्व माना गया है। घर के बाहर दीपक जलाने से यमराज का कोप टलता है और परिवार को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
क्या करें और क्या न करें धनतेरस पर
करें
सोना, चांदी, बर्तन या झाड़ू खरीदें।
मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा अवश्य करें।
घर को साफ-सुथरा रखें और दीपों से सजाएं।
न करें
उधार देना या लेना टालें।
रात्रि में झाड़ू न लगाएं।
क्रोध, झगड़ा या अपशब्द बोलने से बचें।
आस्था और विश्वास का पर्व
धनतेरस केवल खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि श्रद्धा, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है।
यदि इस शाम श्रद्धा और विश्वास से धनवर्षा पोटली बनाकर और दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा की जाए, तो घर में धन का आगमन, सौभाग्य और सुख-शांति का स्थायी वास होता है।
जहां दीपक की रोशनी और लक्ष्मी का आशीर्वाद होता है, वहां दरिद्रता कभी प्रवेश नहीं करती।
