चार महीनों में Apple ने iPhone निर्यात का रचा इतिहास, सरकार से किए वादे को किया पूरा
नई दिल्ली । ऐपल इंक (Apple Inc) ने वित्त वर्ष 2025 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) में 40,145 करोड़ रुपए के आईफोन (iPhone) का उत्पादन किया, जिसमें से 85% यानी 34,089 करोड़ रुपए मूल्य के iPhone का निर्यात कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पहली बार, कंपनी ने सरकार से किए गए अपने वादे के अनुरूप काम करते हुए वित्त वर्ष 2026 के पीएलआई लक्ष्य के तहत 81% निर्यात का आंकड़ा पार किया।
निर्यात लक्ष्य
अप्रैल-जून 2025 की अवधि में कंपनी ने अपने कुल उत्पादन का 79% हिस्सा निर्यात किया, जो करीब 3 अरब डॉलर के बराबर है। यह पिछले वित्त वर्ष 2024 के 73% के मुकाबले एक बड़ी बढ़ोतरी है, जब कंपनी ने अपनी कुल उत्पादन वैल्यू का 70% हिस्सा निर्यात किया था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 9 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 45% हिस्सा वह पहले ही पूरा कर चुकी है।
इन कंपनियों की निर्यात में अहम भूमिका
फॉक्सकॉन (Foxconn), विस्ट्रॉन (Wistron) (अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स) और पेगाट्रॉन (Pegatron) जैसी कंपनियों ने इस निर्यात में अहम भूमिका निभाई है। फॉक्सकॉन ने अपने उत्पादन का 95% से अधिक हिस्सा निर्यात किया, जबकि विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन ने क्रमशः 70% और 77% का निर्यात किया।
उत्पादन और बिक्री में तेजी
उत्पादन और निर्यात में तेजी ऐसे समय में आई है जब अप्रैल-जून की अवधि को मोबाइल उत्पादन के लिहाज से सुस्त माना जाता है। आमतौर पर, आईफोन की नई पेशकश के साथ उत्पादन और बिक्री सितंबर में बढ़ती है और नवंबर में दिवाली के बाद तक तेजी बनी रहती है।
कीमतों में कटौती
भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को स्थानांतरित करने के पीछे ऐपल का मुख्य उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया फॉर वर्ल्ड’ है लेकिन कंपनी अपने घरेलू बाजार में भी तेजी से बढ़ने के प्रयास कर रही है। इसके लिए कंपनी ने उपभोक्ताओं को बिना ब्याज के 24 समान किस्तों में उत्पाद खरीदने की सुविधा दी है। हाल ही में बजट में मोबाइल फोन पर आयात शुल्क में कटौती के बाद, ऐपल ने भी अपने आईफोन की कीमतों में कमी की है, जिससे उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचा है।