एफएसएसएआई ने एमडीएच और एवरेस्ट को दी क्लीन चिट, टेस्टिंग में नहीं मिली एथिलिन ऑक्साड की मात्रा

नई दिल्‍ली । खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को दो प्रमुख ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों के सैंपल में एथिलीन ऑक्साइड का कोई अंश नहीं मिला है। सैंपल की जांच 28 मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में की गई। हालांकि, छह अन्य प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट अभी भी लंबित है। बता दें कि पिछले महीने FSSAI ने हांगकांग और सिंगापुर द्वारा उठाई गईं गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांड के मसालों के सैंपल लेने शुरू कर दिए थे।

हांगकांग, सिंगापुर और नेपाल की कार्रवाई
बता दें कि अप्रैल महीने में हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से एमडीएच के मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिक्स), एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मिक्स मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिक्स मसाला पाउडर को न खरीदने और व्यापारियों को न बेचने के लिए कहा था। सीएफएस ने कहा था कि दो भारतीय ब्रांड के कई प्रकार के प्री-पैकेज्ड मसाला-मिक्स उत्पादों के सैंपल में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया था। इसके बाद सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने भी ऐसे मसालों को वापस मंगाने का निर्देश दिया। वहीं, हाल ही में नेपाल ने भी इन दोनों कंपनियों के मसालों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

सरकार ने उठाए सख्त कदम
इस बीच, भारत में सरकार ने मसालों को लेकर सख्ती दिखाई। सरकार ने ना सिर्फ घरेलू स्तर पर मसालों के सैंपल का परीक्षण किया बल्कि निर्यात किए जाने वाले मसालों में ईटीओ (एथिलीन ऑक्साइड) संदूषण को रोकने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए। सरकार ने सिंगापुर और हांगकांग को निर्यात किए जाने वाले मसालों की अनिवार्य जांच जैसे अन्य उपाय भी किए हैं।

बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत का मसाला निर्यात 2022-23 के 3.7 अरब के मुकाबले कुल 4.25 अरब डॉलर का रहा था। वैश्विक मसाला निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत है।