अब टोल पर नहीं लगेगी ब्रेक! गडकरी का बड़ा ऐलान, एक साल में बदलेगा पूरा सिस्टम
सालभर में बदलेगा पूरा टोल सिस्टम
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार देश के पूरे नेशनल हाईवे नेटवर्क पर टोल टैक्स कलेक्शन का नया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लागू करने जा रही है। इसके तहत वाहनों को अब टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा और टोल राशि ऑटोमैटिक तरीके से खाते से कट जाएगी। इससे टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से भी राहत मिलेगी और यात्रियों का समय बचेगा।
गडकरी ने कहा कि इस नई व्यवस्था को देश के लगभग 10 स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले ही लागू किया जा चुका है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अगले एक साल के भीतर इसे पूरे देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में करीब 10 लाख करोड़ रुपये की लागत की 4500 से अधिक हाईवे परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनसे सड़क परिवहन की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है।
NETC और RFID तकनीक से होगा टोल कलेक्शन
नए डिजिटल टोल सिस्टम के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रणाली के तहत वाहनों की विंडस्क्रीन पर RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग लगाया जाएगा। जैसे ही वाहन टोल पॉइंट से गुजरेगा, टोल की राशि सीधे बैंक खाते से ऑटोमैटिक कट जाएगी। इससे न केवल ट्रैफिक जाम कम होगा, बल्कि ईंधन की भी बड़ी बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
पर्यावरण और भविष्य के ईंधन पर सरकार का जोर
गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और वैकल्पिक ईंधन पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है और इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है, जिससे देश की ईंधन आयात निर्भरता कम हो सके।
सड़क हादसों के लिए कैशलेस इलाज योजना
केंद्रीय मंत्री ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए शुरू की गई कैशलेस इलाज योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। अब तक इस योजना के तहत 6,833 मामलों में आवेदन आए हैं, जिनमें से 5,480 पीड़ितों को लाभ मिल चुका है।
सड़क यातायात में आएगा बड़ा सुधार
नई डिजिटल टोल व्यवस्था, कैशलेस इलाज योजना और वैकल्पिक ईंधन की पहल से देश के सड़क परिवहन तंत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि दुर्घटना पीड़ितों को समय पर मदद भी सुनिश्चित होगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक तकनीकी क्रांति के रूप में देखा जा रहा है।
सरकार के इस फैसले से साफ है कि आने वाले समय में हाईवे पर सफर और भी तेज, सुरक्षित और सुगम होने वाला है।
