अब नेटवर्क चुनने में चलेगी आपकी मर्जी, आज शुक्रवार से बदल रहे क्रेडिट कार्ड के नियम
नई दिल्ली. शुक्रवार का दिन खास है. क्रेडिट कार्ड धारकों को अपना कार्ड नेटवर्क चुनने की आजादी मिलेगी. कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी. जिसकी सेवा अच्छी होगी वो आपके साथ होगी. अब से क्रेडिट कार्ड यूजर्स नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय या मौजूदा कार्ड को रिन्यू करते समय उपलब्ध कार्ड नेटवर्क वीजा, मास्टरकार्ड, रुपे में से अपनी पसंद का कार्ड नेटवर्क चुन सकते हैं. मतलब की कार्ड रिन्यू करते वक्त वीजा से मास्टरकार्ड्स में ट्रांसफर करा सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और डिजिटल भुगतान परिदृश्य में कंपटीशन को बढ़ावा देने के लिए यह पहल दिशा-निर्देश पेश किए जाने के बाद की है. इससे पहले बैंक और गैर-बैंकिंग कार्ड जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड के लिए एक ही कार्ड नेटवर्क के साथ साझेदारी करते थे, जिससे ग्राहकों के पास अपने पसंदीदा कार्ड नेटवर्क को चुनने के विकल्प सीमित हो जाते थे. बता दें, 6 मार्च के एक आदेश में आरबीआई ने कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क के बीच विशेष व्यवस्था को प्रतिबंधित करने वाले नियम लागू किए. यह नया आदेश ग्राहकों को अपना मनचाहा कार्ड नेटवर्क चुनने की स्वतंत्रता देता है. आरबीआई ने अपने परिपत्र में इस बात पर जोर दिया कि कार्ड जारीकर्ताओं को पात्र ग्राहकों को नया कार्ड प्राप्त करते समय या उसके बाद किसी भी समय अपना पसंदीदा कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना अनिवार्य है.
आरबीआई ने अपने ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा था कि कार्ड जारीकर्ता अपने पात्र ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे. ग्राहक इस विकल्प का इस्तेमाल जारी करने के समय या बाद में किसी भी समय कर सकते हैं. उपरोक्त शर्त 10 लाख या उससे कम एक्टिव कार्ड वाले क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होती है. यह सर्कुलर विशेष रूप से उन कार्ड जारीकर्ताओं को बाहर करता है जो अपने स्वयं के अधिकृत कार्ड नेटवर्क का उपयोग करके क्रेडिट कार्ड वितरित करते हैं.
कार्ड नेटवर्क जिन्हें पेमेंट नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड जैसे कार्ड-आधारित उत्पादों को जारी करने और उसे प्रोसेस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये नेटवर्क एक बुनियादी ढांचे के रूप में काम करते हैं जो व्यापारियों, कार्डधारकों और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे सुचारू और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित होता है.
भारत में पांच रजिस्टर्ड कार्ड नेटवर्क हैं जो पेमेंट इकोसिस्टम के भीतर काम करते हैं. इनमें अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-रुपे और वीज़ा वर्ल्डवाइड पीटीई शामिल हैं. ये नेटवर्क पूरे देश में इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को सक्षम करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) ने क्रेडिट कार्ड बाजार में अधिक लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश पेश किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य विभिन्न कार्ड नेटवर्क के बीच कंपटीशन को प्रोत्साहित करना है. पहले बैंक ग्राहकों को सौंपे गए कार्ड नेटवर्क को चुनने के लिए जिम्मेदार थे. हालांकि, इसमें बदलाव आया है, जिससे ग्राहकों को अब अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर अपने मनपसंद नेटवर्क को चुनने की आज़ादी मिल गई है.
अमेरिकन एक्सप्रेस के लिए आरबीआई की आवश्यकताओं में एक अपवाद बनाया गया है, जो अपना स्वतंत्र नेटवर्क संचालित करता है. अमेरिकन एक्सप्रेस को आरबीआई द्वारा लगाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है. बैंक ऑफ़ बड़ौदा और यस बैंक जैसे विभिन्न बैंकों ने पहले ही आरबीआई द्वारा निर्धारित नए दिशा-निर्देशों को लागू कर दिया है. इन बैंकों ने अपडेट किए गए नियमों का पालन करने के लिए कदम उठाए हैं. किसी विशेष कार्ड नेटवर्क को चुनने से कार्डधारकों को कई लाभ मिल सकते हैं. इन लाभों में कार्ड की व्यापक स्वीकृति, विशेष ऑफ़र तक पहुंच और लेनदेन करने में बढ़ी हुई सुविधा शामिल है.