RBI इन बैकों को लाइसेंस देने के पक्ष में नहीं, क्रेडिट सब्सिडियरी योजना को भी खारिज किया

नई दिल्‍ली । भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने केनरा बैंक के क्रेडिट कार्ड सब्सिडियरी योजना को खारिज कर दिया है। इस योजना को बैंक ने अपने कार्ड बिजनेस को बढ़ावा देने वाला माना था। अभी केनरा बैंक खुद क्रेडिट कार्ड जारी करता है, जबकि इसने क्रेडिट कार्ड बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस लाइसेंस के लिए आरबीआई की अनुमति मांगी थी।

इस घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने बताया, “RBI इस पीएसयू बैंक को NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा) लाइसेंस देने के पक्ष में नहीं है।” दिलचस्प बात यह है कि भारतीय स्टेट बैंक के पास अपने क्रेडिट कार्ड बिजनेस के लिए एक अलग सब्सिडियरी SBI कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज है। यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है और देश में एक प्रमुख क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता है। इसी तरह, बैंक ऑफ बड़ौदा के पास BOB कार्ड्स नामक एक सब्सिडियरी है।

अभी तक RBI ने इस मामले पर ET के सवालों का जवाब नहीं दिया

ईटी के सूत्र ने कहा, “इन NBFC को बहुत पहले अनुमति दी गई थी। नियामक की विचार-प्रक्रिया शायद अब बदल गई है।” अभी तक RBI ने इस मामले पर ET के सवालों का जवाब नहीं दिया। संयोग से रिजर्व बैंक रिजेक्शन ऐसे समय में आया है, जब बैंकों के अनसिक्योर्ड लोन में मजबूत वृद्धि पर चिंता जताई जा रही है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जारी किए गए लोन आमतौर पर अनसिक्योर्ड होते हैं, जिसका अर्थ है कि कार्ड धारकों को बिना किसी गारंटी के ऋण मिलता है।

11 करोड़ से अधिक ग्राहक

बेंगलुरु मुख्यालय वाले केनरा बैंक के पास जून के अंत में 9 लाख क्रेडिट कार्ड ऑपरेशन में थे, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 37% अधिक है। बैंक के प्रबंध निदेशक के सत्यनारायण राजू ने कहा था कि क्रेडिट कार्ड बिजनेस पर विशेष ध्यान देने और बैंक के 11 करोड़ से अधिक मौजूदा ग्राहक आधार का लाभ उठाने के लिए अलग सहायक की परिकल्पना की गई थी।

डिजिटल पेमेंट बुनियादी ढांचे के बढ़ते उपयोग, बेहतर इंटरनेट और पमेंट सर्विस और ई-कॉमर्स की लोकप्रियता ने कार्ड उद्योग के विकास के लिए एक अनुकूल मंच तैयार किया है। हालांकि, बैंक एक नई कंपनी बनाने पर विचार नहीं कर रहा था, इसके बजाय यह एक मौजूदा आईटी सेवा सहायक को क्रेडिट कार्ड यूनिट में बदलने की योजना बना रहा था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 18.52% हिस्सेदारी

आईटी सहायक कैनबैंक कंप्यूटर सर्विसेज को क्रेडिट कार्ड यूनिट में बदलने की तैयारी पिछले साल शुरू हुई थी। केनरा बैंक की सहायक कंपनी में 69.14% हिस्सेदारी है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 18.52% हिस्सेदारी है। वहीं, डीबीएस बैंक और करूर वैश्य के पास 6.17% हिस्सेदारी है।

तैयारी के एक हिस्से के रूप में केनरा बैंक ने अन्य सभी हितधारकों से अपनी-अपनी हिस्सेदारी बेचने का अनुरोध किया था। कैनबैंक कंप्यूटर मुख्य रूप से आईटी और सॉफ्टवेयर विकास सेवाओं, बीपीओ सेवाओं, एटीएम सेवाओं और परामर्श में लगा हुआ है।