स्वदेशी जेट इंजन, सुदर्शन चक्र जैसी सहूलियतें… अगले 10 साल में बेहद मारक होगी भारतीय सेना

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने भारतीय सेना (Indian Army) के भविष्य का खाका खींचा है। उन्होंने बताया कि किस तरह अगले 10 साल में भारतीय सेना (Indian Army) बेहद मारक हो जाएगी। रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के पास अगले दस साल में देश में बने जेट इंजन (Jet Engine) और सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम (Sudarshan Chakra Air Defense System) जैसी सहूलियतें होंगी। इसी दौरान राजनाथ सिंह ने शनिवार को ड्रोन को आधुनिक युद्ध रणनीति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें युद्ध नीति में शामिल करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर जब हम ‘एयरक्राफ्ट’ शब्द सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में तेजस, राफेल और लड़ाकू विमानों की तस्वीरें आती हैं। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि ये सभी लड़ाकू विमान हैं। हालांकि, आज के बदलते समय में, ड्रोन इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरे हैं। ड्रोन अब उन क्षेत्रों में भी तैनात किए जा रहे हैं, जहां बड़े उपकरण नहीं पहुंच सकते।

रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर आप रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब से देखें, तो आप पाएंगे कि ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है। इससे साबित होता है कि ड्रोन के महत्व को समझना और उन्हें हमारी युद्ध नीति में शामिल करना बेहद जरूरी हो गया है। वह नोएडा में राफे एमफाइबर प्राइवेट लिमिटेड के रक्षा उपकरण और इंजन परीक्षण केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। सिंह ने निजी इकाई का उद्घाटन करने के बाद कहा कि आज यहां आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की एक सशक्त झलक देखने को मिली।

ड्रोन का इतिहास पर डाला प्रकाश
ड्रोन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि शुरुआती दिनों में इनका इस्तेमाल केवल निगरानी और टोह लेने के लिए किया जाता था। उन्होंने कहा कि बाद में, कुछ देशों ने लड़ाकू ड्रोन विकसित करना शुरू किया और कई देशों ने सीमा संघर्षों में इनका इस्तेमाल शुरू कर दिया। सिंह ने कहा कि जिन देशों ने ड्रोन तकनीक में निवेश किया है, उन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है, जबकि कई अन्य पीछे छूट गए हैं। अपने छह से साढ़े छह साल के अनुभव (रक्षा मंत्री के रूप में) से, मैं कह सकता हूं कि आज के रक्षा क्षेत्र की वास्तविकता विमान तकनीक और ड्रोन पर टिकी है।

रक्षामंत्री सिंह ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत इस क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले हमें ड्रोन आयात करने पड़ते थे, लेकिन आज हम उन्हें घरेलू स्तर पर डिजाइन, विकसित और निर्मित कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि देश के कई उद्यमी इस प्रगति में योगदान दे रहे हैं और उनके प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।