अडानी पावर घरेलू कंपनियों को बेच सकेगा बिजली… गोड्डा संयंत्र को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने अडानी पावर लिमिटेड (Adani Power Limited- APL) को झारखंड (Jharkhand) के गोड्डा अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट (Godda Ultra Super Critical Thermal Power Plant) को भारतीय बिजली ग्रिड (Indian electricity grid) से जोड़ने के लिए ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की मंजूरी दे दी है। यह कनेक्शन कहलगांव-A–मैथन B 400 किलोवोल्ट लाइन से लाइन-इन लाइन-आउट व्यवस्था के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान में गोड्डा संयंत्र से उत्पन्न बिजली केवल बांग्लादेश को आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस निर्णय के बाद संयंत्र को भारतीय घरेलू बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को बिजली बेचने की अनुमति मिल सकेगी।

केंद्र सरकार ने अडानी पावर को भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत दूरसंचार प्राधिकरण को प्राप्त शक्तियों के समान अधिकार दिए हैं। इसके तहत कंपनी अब किसी भी अचल संपत्ति के ऊपर, नीचे या किनारे से होकर ट्रांसमिशन लाइन बिछा सकेगी। यह आदेश 29 सितंबर 2025 को विद्युत मंत्रालय द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 164 के तहत जारी किया गया। प्रस्तावित लाइन गोड्डा और पोरेयाहाट तहसीलों के 56 गांवों से होकर गुजरेगी।

यह स्वीकृति ऐसे समय पर आई है जब केंद्र ने गोड्डा संयंत्र को भारतीय ग्रिड से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इनमें विद्युत मंत्रालय द्वारा बिजली आयात-निर्यात दिशा-निर्देशों में संशोधन, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा सीमा पार बिजली प्रवाह की प्रक्रिया में बदलाव और केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) द्वारा इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) और सीमा पार व्यापार से संबंधित संशोधन शामिल हैं।

अडानी पावर लिमिटेड के गोड्डा पावर प्लांट को मार्च 2019 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) घोषित किया गया था। अब तक पूरी तरह बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) को बिजली आपूर्ति करता रहा है। लेकिन अगस्त 2024 में ढाका में शासन परिवर्तन के बाद भारत सरकार ने अंतरिम व्यवस्था के तहत संयंत्र को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दी थी। इसके लिए संयंत्र को केंद्रीय ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (CTUIL) द्वारा संचालित ISTS नेटवर्क में अस्थायी कनेक्टिविटी प्रदान की गई।

अडानी का पत्र और मंत्रालय की बैठक
5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के एक दिन बाद 6 अगस्त 2024 को अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने विद्युत मंत्रालय को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया कि भारत में लगातार बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए यदि बांग्लादेश से आपूर्ति बाधित होती है या भू-राजनीतिक कारणों से बिजली की मांग घटती है तो संयंत्र से भारत में भी बिजली आपूर्ति की अनुमति दी जानी चाहिए।

10 अगस्त 2024 को हुई बैठक में विद्युत सचिव की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि CTUIL को संयंत्र के लिए स्टैंडबाय कनेक्टिविटी विवरण प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद मंत्रालय ने 12 अगस्त को क्रॉस बॉर्डर बिजली आयात-निर्यात दिशा-निर्देशों में संशोधन किया।

6 अगस्त 2024 को अडानी पावर ने संयंत्र को भारत में बिजली बेचने की अनुमति मांगी। 10 अगस्त 2024 के मंत्रालय ने भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए स्टैंडबाय कनेक्टिविटी की अनुशंसा की। 12 अगस्त 2024 को मंत्रालय ने बिजली आयात-निर्यात दिशा-निर्देशों में संशोधन किया। 14 अगस्त 2024 को CEA ने नियमों में बदलाव कर संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दी। दिसंबर 2024 को CERC ने ISTS और क्रॉस बॉर्डर व्यापार संबंधी नियमों में संशोधन किया। 29 सितंबर 2025 को विद्युत मंत्रालय ने ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की औपचारिक मंजूरी दी।

मंत्रालय के आदेश के अनुसार, यह मंजूरी 25 वर्षों के लिए वैध होगी। अडानी पावर लिमिटेड को लाइन निर्माण से पहले स्थानीय निकायों, रेलवे, राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग प्राधिकरणों से अनुमति लेनी होगी और संचालन से पहले केंद्र सरकार के विद्युत निरीक्षक से प्रमाणन प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, यदि प्रस्तावित लाइन का कोई हिस्सा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) क्षेत्र से गुजरता है तो कंपनी को सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश और तकनीकी समिति के निर्देशों का पालन करना होगा।