Ayodhya: राम मंदिर प्रतिष्ठा द्वादशी के भव्य आयोजन की तैयारी शुरू, राष्ट्रपति को दिया आमंत्रण
अयोध्या। अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) में प्रतिष्ठा द्वादशी (Pratishtha Dwadashi) के अवसर पर 31 दिसम्बर 2025 को मनाई जाने वाली रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के आयोजन पर मंथन शुरू हो चुका है। अंदरखाने तैयारियां भी शुरू हो गई है। इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय (Champatrai) नई दिल्ली होकर रविवार को सुबह लौट आए। बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) को मुख्य अतिथि के दायित्व ग्रहण करने का आग्रह किया है। इसी संदर्भ में तीर्थ क्षेत्र की ओर से पत्र भी सौंपा है।
मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मु ने भी आमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया है। फिर भी अधिकृत सूचना भारत सरकार की ओर से जारी होगी । फिलहाल तैयारियां उसी लिहाज से होगी। यह भी जल्द पता चल जाएगी। यह भी जानकारी मिल रही है कि प्रतिष्ठा द्वादशी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी आगमन की संभावना है। तीर्थ क्षेत्र महासचिव की ओर से रक्षामंत्री के अलावा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी औपचारिक आमंत्रण दिया गया है।
खास बात यह है कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह व रक्षा मंत्री श्री सिंह दोनों ही रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब तक अयोध्या नहीं आए हैं। यद्यपि इसकी पुष्टि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यकारिणी की बैठक के बाद होगी। यह बैठक 13 दिसम्बर को होना तय है। तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष व मणिराम छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में यह बैठक उनके ही आश्रम में ही पूर्वाह्न तीन बजे से होगी। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने इसकी सूचना सभी सदस्यों को उनके व्हाट्स एप पर भेजी जा चुकी है।
उधर इस बार प्रतिष्ठा द्वादशी के मौके पर राम मंदिर के दूसरे तल पर ‘रामनाम’ मंदिर की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही कांची कामकोटि शंकराचार्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती द्वारा पूजित श्रीराम यंत्र की स्थापना/प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके अलावा दूसरे तल पर देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाओं में रचित रामायण व भगवान राम से सम्बन्धित प्राचीन पांडुलिपियों को संरक्षित किया जाएगा। उधर यह भी बताया गया है कि प्रतिष्ठा द्वादशी के ठीक पहले शेषावतार सहित परकोटे के सभी छह मंदिरों के शिखर पर ध्वजारोहण भी किया जाएगा।
