योगी कैबिनेट और संगठन में होंगे बड़े बदलाव, प्रदेश को नया अध्‍यक्ष मिलने की उम्‍मीद

Keshav Prasad Maurya, Uttar Pradesh Deputy Chief Minister meets BJP chief  JP Nadda amid buzz of rift with Yogi Adityanath - India Today

नई दिल्‍ली । यूपी में बीजेपी(UP BJP) सरकार और संगठन में बदलाव को लेकर खबर आ रही है। चर्चा है कि यूपी में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद योगी कैबिनेट में प्रदर्शन के आधार पर बदलाव हो सकता है। योगी(Yogi Adityanath) के मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को भी जगह मिल सकती है वहीं कुछ किनारे भी किए जा सकते हैं। यही नहीं संगठन में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यूपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। हालांकि नया प्रदेश अध्यक्ष कौन हो सकता है? संगठन और मंत्रिमंडल कौन नए चेहरे होंगे? इसके लिए इंतजार करना होगा। उधर, चर्चा है कि यूपी चुनावी नतीजों पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की यूपी के बड़े नेताओं से मुलाकात होनी है। इसमें सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री शामिल हैं। इनसे बातचीत के बाद बड़े फैसले आ सकते हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने सियासी गर्मी तेज

यूपी में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चला रहा है। यूपी में झटके के बाद उबरने की कोशिश के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने सियासी गर्मी और बढ़ा दी है। केशव प्रसाद मौर्य ने बयान दिया है कि संगठन सरकार से बड़ा है ,कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है, संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है…। बीजेपी में ये हलचल हाल ही में समाप्त हुए लोकसभा चुनाव के झटके के बाद उभरी है। उधर, केंद्रीय नेतृत्व ने केशव प्रसाद से मुलाकात कर उनकी बातों को सुना और उनके द्वारा उठाए गए मसलों पर ध्यान देने का भरोसा भी दिया है।

जेपी नड्डा पांच में से दो नेताओं से कर चुके मुलाकात

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पांच में से दो नेताओं से मुलाकात पूरी हो चुकी है। मंगलवार को राज्य के दो प्रमुख नेताओं उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें की। सूत्रों के अनुसार, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य राज्य में अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी कई मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए हैं। फिलहाल, भाजपा की कोशिश मामले को ठंडा रखने और सभी को एक साथ रख कर आगे बढ़ने की है। ऐसे में सरकार के स्तर पर किसी तरह के बड़े बदलाव की संभावना नहीं है।

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