40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिए फिर आज तो हम 140 करोड़ हैं…’, लाल किले से बोले पीएम मोदी

नई दिल्‍ली । देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस(78th Independence Day) मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा(Tricolour from the ramparts of Red Fort) फहराया. उन्होंने लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन (Address to the country)में कहा कि 2047 विकसित भारत सिर्फ शब्द नहीं है बल्कि 140 करोड़ देशवासियों का सपना है।

देश के 40 करोड़ लोगों ने अदम्य साहस , जज्बा दिखाया

पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन आजादी के संघर्ष को याद करने का है. यह दिन सैंकड़ों साल की गुलामी और संघर्षों का रहा है. फिर चाहे युवा हो, बुजर्ग, महिला, आदिवासी या दलित हो. ये गुलामी के खिलाफ लड़ते रहे. इतिहास गवाह है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी आजादी की जंग लड़ी जा रही थी. गुलामी का इतना लंबा काल था, यातनाएं इतनी थी कि सामान्य से सामान्य मानवों का विश्वास तोड़ने की तरकीबें थी लेकिन उसके बावजूद उस समय देश के 40 करोड़ लोगों ने अदम्य साहस दिखाया, जज्बा दिखाया।

40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंका

पीएम मोदी ने कहा कि हम एक सपना लेकर चले, संकल्प लेकर चलते रहे, जूझते रहे. हमें गर्व है कि हमारी रगों में उन्हीं का खून है. वे हमारे पूर्वज थे. 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया. गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया. हमारे पूर्वजों का खून हमारी रगों में है. आज तो हम 140 करोड़ हैं. अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, अगर 40 करोड़ लोग आजादी के सपनों को पूरा कर सकते हैं. आजादी ले सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी अगर संकल्प लेकर चले, एक दिशा निर्धारित करके चल पड़े तो हर चुनौती को पार करते हुए समृद्ध भारत बना सकते हैं. हम 2047 विकसित भारत का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

विकसित भारत 2047 ये भाषण के शब्द नहीं

उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 ये भाषण के शब्द नहीं है. इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है. देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं. इस संबंध में हमने देशवासियों से सुझाव मांगे हैं और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ो नागरिकों ने विकसित भारत 2047 को लेकर अनगिनत सुझाव दिए हैं. इनमें हर देशवासी का सपना प्रतिबिंबित हो रहा था. इनमें हर देशवासी का संकल्प उसमें झलकता है. इनके लिए युवाओं, बुजुर्ग, ग्रामीण और शहरी लोगों, गरीब, अमीर, किसान, आदिवासी, महिलाओं सभी ने विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं. मैं जब इन सुझावों को देखता था तब मन बहुत प्रसन्न हो रहा थ।

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