विधेयकों को लटकाने का मामला; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के साथ ही बंगाल-केरल के राज्यपालों से मांगा जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों की दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की। शुक्रवार को केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल और केरल के राज्यपालों के सचिवों से विधेयकों को मंजूरी न देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दोनों राज्यपालों के सचिवों को नोटिस जारी किए। केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि वे विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और जयदीप गुप्ता ने कहा कि जब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध होता है, राज्यपाल कार्यालय विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज देता है। राज्य सरकारों ने राज्यपालों द्वारा कई विधेयकों को मंजूरी देने में की जा रही कथित देरी पर चिंता जताई। यह विवाद राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी न दिए जाने से जुड़ा है। राज्य सरकारों का आरोप है कि राज्यपाल इन विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं, जिससे जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाए गए अहम विधायी उपायों में देरी हो रही है। राज्य सरकारों की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल कार्यालयों और केंद्र को नोटिस जारी किया है।