CG: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की कस्टोडियल रिमांड पर फैसला सुरक्षित
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scams) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस (Money laundering case) में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (former Chief Minister Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) की आज रायपुर की विशेष कोर्ट में पेशी हुई। ज्यूडिशियल रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने चैतन्य बघेल के खिलाफ 7 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट पेश की।
इधर शराब घोटाले में EOW-ACB के तहत चल रही जांच में चैतन्य बघेल को कुछ राहत मिली है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)/आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की प्रोडक्शन वारंट पर चैतन्य बघेल को सात दिन की कस्टोडियल रिमांड देने का अनुरोध खारिज कर दिया और फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पर 16 सितंबर को कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी।
कोर्ट में चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की रिमांड का विरोध किया। इससे पहले चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में चैतन्य बघेल ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान उनकी याचिका को छूट (लिबर्टी) के साथ खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि चैतन्य को राहत चाहिए तो फ्रेश आवेदन पेश करें, जिसमें केवल अपने मामले से संबंधित प्रार्थना हो। चैतन्य बघेल ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जांच रिपोर्ट की वैधता को चुनौती दी थी। पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दे चुके हैं।
ED के मामले में चैतन्य बघेल को अभी भी ज्यूडिशियल रिमांड पर रखा गया है। स्पेशल कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 16 सितंबर को करेगी। हाईकोर्ट में सोमवार को चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी मामले में सुनवाई अधूरी रह गई। इस पर 19 सितंबर को फिर सुनवाई होगी।
चैतन्य के खिलाफ शराब घोटाला, कोल लेवी, महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच चल रही है। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। बता दें कि ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई तीन निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत गिरफ्तार किया था।
ईडी ने शराब घोटाले की जांच IPC की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण छत्तीसगढ़ के खजाने को भारी नुकसान हुआ। करीब 3200 करोड़ रुपये घोटाले से जुड़े लोगों तक पहुंचाई गई।
