CG: शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य गिरफ्तार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) (Anti-Corruption Bureau -ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) (Economic Offences Wing -EOW) की ओर से तगड़ी कार्रवाई सामने आई है। ACB/EOW ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने एक बयान में बताया कि उनके साथ दीपेन चावड़ा को भी गिरफ्तार किया गया है।
6 अक्टूबर तक मिली हिरासत
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने कहा कि आरोपियों को विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक एसीबी/ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले ईडी ने 18 जुलाई को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित आवास में तलाशी के बाद चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया था।
न्यायिक हिरासत में थे चैतन्य
चैतन्य तब से न्यायिक हिरासत में जेल में थे। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने उनका पेशी वारंट प्राप्त करने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया। इसके बाद उनको औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी/ईओडब्ल्यू पिछले साल जनवरी में दर्ज मामले में भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है।
2019 से 2022 के बीच शराब घोटाला
ईडी का दावा है कि 2,500 करोड़ से अधिक का कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था। छत्तीसगढ़ में तब भूपेश बघेल की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार थी। ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने जानबूझकर अपराध की आय को छिपाने का काम किया। सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची।
चैतन्य के वकील बोले- बिना सबूत गिरफ्तारी
चैतन्य बघेल के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि उनको बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया गया है। अब तक एसीबी/ईओडब्ल्यू की ओर से दाखिल मुख्य आरोपपत्र एवं अन्य पूरक आरोपपत्रों में चैतन्य का नाम नहीं है। रिजवी ने यह भी कहा कि लगभग 45 लोगों को आरोपी बनाया गया लेकिन 29 को कभी गिरफ्तार ही नहीं किया गया।
चैतन्य का नाम किसी आरोप पत्र में नहीं
चैतन्य बघेल के वकील फैसल रिजवी ने यह भी कहा कि चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद उनको एसीबी/ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी का आधार मामले के एक अन्य आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल का बयान है। सच्चाई यह है कि चैतन्य का नाम किसी भी आरोप पत्र में नहीं है।
ईडी ने पूरक चार्जशीट में लगाए आरोप
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने 15 सितंबर को रायपुर की विशेष अदालत में दाखिल की गई अपनी चौथी पूरक चार्जशीट में दावा किया कि चैतन्य कथित शराब घोटाले को अंजाम देने वाले सिंडिकेट के मुखिया थे। चैतन्य ने कथित घोटाले से मिली लगभग एक हजार करोड़ रुपये का प्रबंधन किया था।
पिछले साल ACB/EOW ने दर्ज की थी FIR
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पिछले साल 17 जनवरी को ‘शराब घोटाले’ में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित 70 लोगों और कंपनियों को नामजद किया गया था। ईडी का दावा था कि सिंडिकेट ने आधिकारिक शराब की बिक्री और बेहिसाब अवैध शराब की बिक्री पर कमीशन वसूला।
कमीशन लेने का आरोप
ईडी का यह भी आरोप है कि छत्तीसगढ़ में शराब बनाने वालों से भी रिश्वत ली गई थी। ईडी ने दावा किया कि जांच से पता चला है कि अपराध की पूरी आय अधिकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों की ओर से जुटाई और हड़पी जा रही थी। ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अलावा अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आईटीएस के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी समेत कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
