महाराष्‍ट्र एमवीए में सीएम चेहरे की लड़ाई? संजय राउत ने कांग्रेस से कहा- आपके पास हो तो बताएं

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ महीने ही बाकी हैं। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) अब तक सीएम के नाम को लेकर उलझा हुआ है। मुख्यमंत्री चेहरे पर मुहर नहीं लगा सका है। कौन होगा का सवाल इस गठबंधन के बीच में झूल रहा है। इसी बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने कांग्रेस से सीएम चेहरे के नाम का ऐलान करने की बात कही है। अब खबर आ रही है कि उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।

शिवसेना (यूबीटी) ने संजय राउत ने कहा, नाना पटोले सही कह रहे हैं, लेकिन 2019 के चुनाव के बाद मैंने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर पटोले के पास सीएम के लिए कोई और चेहरा है, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से इसे बताना चाहिए। अगर कांग्रेस के पास चेहरा है और सार्वजनिक तौर पर बता रही है तो मुझे कोई परेशानी नहीं है। हम पटोले की तरफ से सुझाए नेता के नाम का स्वागत करेंगे।

दरअसल पटोल ने कहा था कि अगर शरद पवार या उद्धव ठाकरे सीएम चेहरे को लेकर बायान देते हैं, तो वे (कांग्रेस) इस बात को गंभीरता से लेगी। बीते सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि महाराष्ट्र में एक परंपरा रही है कि गठबंधन में जिसके पास सबसे ज्यादा सीटें होती हैं, उसे सीएम पद मिलता है। उन्होंने कहा कि सीएम उम्मीदवार का चयन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करता है। इधर, राउत का कहना है कि विपक्ष को चेहरे की जरूरत है और महाराष्ट्र को हमेशा चेहरे की जरूरत होती है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने दावा किया था, आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बेहतर सौदा करने के लिए ठाकरे दिल्ली गए हैं। ऐसा लगता है कि वे बारिश से प्रभावित लोगों की परेशानियों को दूर करने के बजाय अपने राजनीतिक हितों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना-यूबीटी प्रमुख आगामी विधानसभा चुनावों के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं इसलिए वह कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। ठाकरे दिन में पहले ही दिल्ली पहुंचे हैं, जहां वह कांग्रेस के कई नेताओं और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों से मिल सकते हैं। निरुपम ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे का मकसद एमवीए का मुख्यमंत्री चेहरा बनने का है, लेकिन शरद पवार इसके खिलाफ हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले मुख्यमंत्री बनें।