भगोड़े विजय माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, कहा- पहले भारत आकर कोर्ट में हाजिर हो

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नई दिल्‍ली ।
भारत से करोड़ों रुपए का गबन करके भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या को बॉम्बे हाई कोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने माल्या की तरफ से फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट को दी गई चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस पर तभी कार्यवाही होगी, जब माल्या खुद भारत आकर कोर्ट में पेश होगा।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंकढ़ की खंडपीठ ने मामले को आगे बढ़ाते हुए 23 दिसंबर को फिर से सुनवाई की बात कही। पीठ ने माल्या के वकील से कहा,”पहले अपने मुवक्किल को कोर्ट में पेश कराइए, फिर इस मामले पर सुनवाई की जाएगी। यह बताइए की वह कब तक भारत आएगा।”

गौरतलब है कि नामी शराब कारोबारी और भारत के अरबपतियों में से एक विजय माल्या साल 2016 में देश छोड़कर भाग गया था। 2015 में ही सीबीआई ने माल्या के खिलाफ सिक्योरिटीज एवं फ्राड सेल के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें माल्या के ऊपर आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और दुराचार का आरोप लगाया गया था। यह पूरा मामला 900 करोड़ रुपए के कर्ज से जुड़ा हुआ था, जिसे आईडीबीआई बैंक ने विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया था। बाद में, एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने माल्या के खिलाफ एक और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई।

इसके बाद शुरू हुई जांच में सामने आया कि माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस का चेयरमैन रहते हुए, लोन लेने के लिए कई फ्रॉड किए हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप भी शामिल हैं।

2018 में एफईओ एक्ट के लागू होने के बाद माल्या के खिलाफ इसी कानून के तहत कार्यवाही होनी शुरू हो गई। इसके विरोध में माल्या ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसकी सुनवाई जारी है। ईडी ने माल्या की इस याचिका के खिलाफ जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि माल्या के भारत लौटे बिना उसे किसी भी तरह की सुरक्षा देना सही नहीं है। ईडी ने कहा कि विजय माल्या 2016 में जांच से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया, और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ। नवंबर 2016 में उन्हें “घोषित अपराधी” घोषित किया गया। 2017 और 2018 में विशेष अदालत ने उनके खिलाफ नए वारंट जारी किए, और उन्हें अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया, लेकिन माल्या भारत नहीं लौटे।

2016 में इन केसों से बचने के लिए ब्रिटेन गए माल्या तब से वहीं भगोड़े के रूप में रह रहे हैं। हालांकि, जब भी उन्हें भारत वापस आने के लिए कहा गया, तब सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्होंने इससे इनकार कर दिया। एक बार उन्होंने भारत आने की इच्छा भी जताई थी, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की मांग रखी थी, जिसे ईडी ने खारिज कर दिया था।