चार्जशीट दायर करने पर 36 दिन में हो फांसी, पश्चिम बंगाल का एंटी रेप बिल विधानसभा में पेश

कोलकाता. सीएम ममता बनर्जी ने एंटी रेप बिल लाने का ऐलान किया था. इस बिल को मंगलवार को विधानसभा में पेश कर दिया गया है. इस बिल का नाम अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 है. इस बिल के अंदर महिलाओं और बच्चों से अपराध को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, जिसका मकसद सिर्फ एक ही है, राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध पर लगाम लगाना.

बता दें, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप कर हत्या कर दी गई थी, इसके बाद राज्य में इस समय सड़कों पर लोग इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. कोलकाता के लाल बाजार में सड़कों पर जूनियर डॉक्टर धरना कर रहे हैं और कोलकाता की निर्भया के लिए न सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. यह बिल इस मामले के बाद ही लाया गया है.

इस बिल के अंदर चार्जशीट दायर करने के 36 दिन के अंदर मौत की सजा का होगा प्रावधान होगा. न सिर्फ रेप बल्कि एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर अपराध है, जिसके लिए भी इस बिल में आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान है. हर जिले में स्पेशल फोर्स-अपराजिता टास्क फोर्स बनाई जाएगी. यह अपराजिता टास्क फोर्स-रेप, एसिड अटैक या छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई करेगी. इस बिल में एक और काफी अहम चीज जोड़ी गई है, वो है कि अगर किसी ने पीड़िता की पहचान उजागर की तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

राज्य में इस बिल को पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी राज्य की सरकार ने रेप और महिलाओं-बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराध के लिए ऐसे बिल पेश किए हो, इससे पहले भी 2 राज्यों ने ऐसे बिल लाने का प्रयास किया है. आंध्र प्रदेश ने 2019 में दिशा बिल लाने की कोशिश की थी और महाराष्ट्र ने 2020 में शक्ति बिल लाने की मुहिम छेड़ी थी, लेकिन बिल को मंजूरी नहीं मिली.

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