AAP में शामिल हुए फेमस UPSC कोच अवध ओझा, बोले- राजनीति में शामिल होकर शिक्षा में लाना है सुधार

नई दिल्‍ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले फेमस यूपीएससी कोच अवध ओझा सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आप पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में अवध ओझा ने आधिकारिक रूप से आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्‍यता ली। ओझा ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि उनका उद्देश्य राजनीति में शामिल होकर शिक्षा में सुधार लाना है।

ओझा ने कहा कि शिक्षा एक परिवार, समाज और राष्ट्र की आत्मा है। अगर मुझे राजनीति और शिक्षा के बीच चयन करना होता, तो मैं निस्संदेह शिक्षा को चुनता। राजनीति में शामिल होना शिक्षा सुधार को आगे बढ़ाने का मेरा तरीका है। अवध ओझा ने कहा कि केजरीवाल ने मुझे शिक्षा के लिए काम करने का अवसर दिया है। उन्‍होंने कहा कि जितने भी देश दुनिया में महान हुए। उनकी पृष्ठभूमि में कहीं ना कहीं शिक्षा का योगदान है।

अवध ओझा के पार्टी में शामिल होने से शिक्षा नीति को मिलेगी नई दिशा : केजरीवाल

केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अवध ओझा के पार्टी में शामिल होने पर देश की शिक्षा मजबूत होगी और उनके अनुभव और दृष्टिकोण से हमारी शिक्षा नीति को एक नई दिशा मिलेगी। केजरीवाल ने कहा कि ओझा ने लाखों युवाओं को अच्छी शिक्षा देकर रोजगार और जीवन जीने के लायक बनाया है। उनका पार्टी में स्‍वागत है । हम मिलकर बाबा साहब के सपनों को पूरा करने के लिए काम करेंगे।

हमारे शिक्षा के मिशन को कई गुना गति देगा अवध ओझा का आना : सिसोदिया

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और जाने-माने शिक्षक अवध ओझा का आम आदमी पार्टी में तहे दिल से स्वागत है। आपकी विद्वता और मार्गदर्शन से पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। सिसोदिया ने कहा कि अवध ओझा का आम आदमी पार्टी की टीम में शामिल होना हमारे शिक्षा के मिशन को कई गुना गति, ताकत और गहराई प्रदान करेगा। अब तक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप पार्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो ऐतिहासिक काम किए हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि ओझा के पार्टी का हिस्सा बनने के बाद इस काम में और भी अधिक रफ़्तार और गहराई आएगी।

जाने कौन हैं अवध ओझा ?

40 वर्षीय ओझा गोंडा उत्तर प्रदेश से हैं और यूपीएससी उम्मीदवारों को कोचिंग देने के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं, खासकर इतिहास में। 2005 में दिल्ली में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने चाणक्य आईएएस अकादमी और वाजीराम और रवि सहित प्रमुख कोचिंग संस्थानों में काम किया। 2019 में, ओझा ने पुणे में आईक्‍यूआरए अकादमी की स्थापना की, जो तब से यूपीएससी उम्मीदवारों के बीच लोकप्रिय हो गई है। कोविड-19 महामारी के दौरान ओझा के यूट्यूब चैनल रे अवध ओझा ने अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए लोकप्रियता हासिल की, जिसमें ऐतिहासिक कथाओं को समकालीन मुद्दों के साथ मिलाया गया। ओझा अपनी परोपकारी पहलों के लिए भी जाने जाते हैं, जिसमें वंचित छात्रों के लिए निःशुल्क शिक्षा कार्यक्रम शामिल हैं, जो शिक्षा में सामाजिक समानता के प्रति उनके समर्पण को रेखांकित करते हैं।

विवाद में भी रह चुके हैं ओझा

ओझा को 2023 में वायरल हुए एक वीडियो में विवादास्पद टिप्पणी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान को भंग कर देना चाहिए और “मोदी राजवंश” की स्थापना करनी चाहिए। जिसमें मोदी की तुलना मुहम्मद गोरी जैसे ऐतिहासिक व्यक्तियों से की गई थी। उन्होंने संसद को “मोदी का महल” भी कहा।