AAP में शामिल हुए फेमस UPSC कोच अवध ओझा, बोले- राजनीति में शामिल होकर शिक्षा में लाना है सुधार
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले फेमस यूपीएससी कोच अवध ओझा सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आप पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में अवध ओझा ने आधिकारिक रूप से आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ली। ओझा ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि उनका उद्देश्य राजनीति में शामिल होकर शिक्षा में सुधार लाना है।
करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और जाने-माने शिक्षक श्री अवध ओझा जी @kafiravadh का आम आदमी पार्टी में तहे दिल से स्वागत है। आपकी विद्वता और मार्गदर्शन से पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी।
वैसे तो आम आदमी पार्टी में समय-समय पर बड़े-बड़े लोग शामिल होते रहे हैं, लेकिन श्री अवध… pic.twitter.com/gLJtzvtvPd
— Manish Sisodia (@msisodia) December 2, 2024
ओझा ने कहा कि शिक्षा एक परिवार, समाज और राष्ट्र की आत्मा है। अगर मुझे राजनीति और शिक्षा के बीच चयन करना होता, तो मैं निस्संदेह शिक्षा को चुनता। राजनीति में शामिल होना शिक्षा सुधार को आगे बढ़ाने का मेरा तरीका है। अवध ओझा ने कहा कि केजरीवाल ने मुझे शिक्षा के लिए काम करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि जितने भी देश दुनिया में महान हुए। उनकी पृष्ठभूमि में कहीं ना कहीं शिक्षा का योगदान है।
मशहूर शिक्षक अवध ओझा जी का AAP में स्वागत है🙌
आज देश के मशहूर शिक्षक अवध ओझा जी ने राष्ट्रीय संयोजक @ArvindKejriwal जी और पूर्व उपमुख्यमंत्री @msisodia जी की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
अवध ओझा जी अरविंद केजरीवाल जी की 'काम की राजनीति' और 'शिक्षा क्रांति'… pic.twitter.com/PhGdq4U3sG
— AAP (@AamAadmiParty) December 2, 2024
अवध ओझा के पार्टी में शामिल होने से शिक्षा नीति को मिलेगी नई दिशा : केजरीवाल
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अवध ओझा के पार्टी में शामिल होने पर देश की शिक्षा मजबूत होगी और उनके अनुभव और दृष्टिकोण से हमारी शिक्षा नीति को एक नई दिशा मिलेगी। केजरीवाल ने कहा कि ओझा ने लाखों युवाओं को अच्छी शिक्षा देकर रोजगार और जीवन जीने के लायक बनाया है। उनका पार्टी में स्वागत है । हम मिलकर बाबा साहब के सपनों को पूरा करने के लिए काम करेंगे।
देश के जाने-माने शिक्षक श्री अवध ओझा जी आज आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। उनके अनुभव और दृष्टिकोण से हमारी शिक्षा नीति को नई दिशा मिलेगी। शिक्षा को लेकर हमारी नीतियों और काम से प्रेरित होकर उन्होंने पार्टी के साथ कदम मिलाया है। हम उनका अपने परिवार में हार्दिक स्वागत करते हैं। बाबा… pic.twitter.com/EFX1wEtFh2
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हमारे शिक्षा के मिशन को कई गुना गति देगा अवध ओझा का आना : सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत और जाने-माने शिक्षक अवध ओझा का आम आदमी पार्टी में तहे दिल से स्वागत है। आपकी विद्वता और मार्गदर्शन से पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। सिसोदिया ने कहा कि अवध ओझा का आम आदमी पार्टी की टीम में शामिल होना हमारे शिक्षा के मिशन को कई गुना गति, ताकत और गहराई प्रदान करेगा। अब तक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप पार्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो ऐतिहासिक काम किए हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि ओझा के पार्टी का हिस्सा बनने के बाद इस काम में और भी अधिक रफ़्तार और गहराई आएगी।
'काम की राजनीति' से जुड़े देश के प्रख्यात शिक्षक अवध ओझा जी😍🔥
आम आदमी पार्टी में क्रांतिकारी शिक्षक अवध ओझा जी का स्वागत है 🙌 pic.twitter.com/4qndVcs4j7
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जाने कौन हैं अवध ओझा ?
40 वर्षीय ओझा गोंडा उत्तर प्रदेश से हैं और यूपीएससी उम्मीदवारों को कोचिंग देने के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं, खासकर इतिहास में। 2005 में दिल्ली में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने चाणक्य आईएएस अकादमी और वाजीराम और रवि सहित प्रमुख कोचिंग संस्थानों में काम किया। 2019 में, ओझा ने पुणे में आईक्यूआरए अकादमी की स्थापना की, जो तब से यूपीएससी उम्मीदवारों के बीच लोकप्रिय हो गई है। कोविड-19 महामारी के दौरान ओझा के यूट्यूब चैनल रे अवध ओझा ने अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए लोकप्रियता हासिल की, जिसमें ऐतिहासिक कथाओं को समकालीन मुद्दों के साथ मिलाया गया। ओझा अपनी परोपकारी पहलों के लिए भी जाने जाते हैं, जिसमें वंचित छात्रों के लिए निःशुल्क शिक्षा कार्यक्रम शामिल हैं, जो शिक्षा में सामाजिक समानता के प्रति उनके समर्पण को रेखांकित करते हैं।
अब देश में चलेगी शिक्षा की राजनीति✒️🇮🇳#AvadhOjhaJoinsAAP pic.twitter.com/TuPAA8C65p
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विवाद में भी रह चुके हैं ओझा
ओझा को 2023 में वायरल हुए एक वीडियो में विवादास्पद टिप्पणी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान को भंग कर देना चाहिए और “मोदी राजवंश” की स्थापना करनी चाहिए। जिसमें मोदी की तुलना मुहम्मद गोरी जैसे ऐतिहासिक व्यक्तियों से की गई थी। उन्होंने संसद को “मोदी का महल” भी कहा।