विराट व्यक्तित्व के धनी थे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी : मुख्यमंत्री डॉ यादव
– मुख्यमंत्री ने ग्वालियर गौरव दिवस पर किया प्रतिभाओं का सम्मान
ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व विराट था। उन्होंने विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांव-गांव तक पक्की सड़कें बनवाई गईं। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश की धरती पर देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना का भूमि-पूजन कर स्व. वाजपेयी के स्वप्न को साकार किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार देर शाम ग्वालियर में आयोजित ग्वालियर गौरव दिवस समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। ग्वालियर गौरव दिवस स्व. वाजपेयी की सौवीं जयंती पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न विभूतियों को ग्वालियर गौरव सम्मान से विभूषित किया।
स्व. वाजपेयी की स्मृतियों को संजोएंगे, समिति बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. वाजपेयी की स्मृतियां सिर्फ ग्वालियर से ही नहीं जुड़ी हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने बड़नगर में प्रारंभिक स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। अटल स्मारक के अलावा प्रदेश में स्व. वाजपेयी के जीवन से जुड़े स्थानों पर उनसे जुड़ी स्मृतियों को संजोने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
समाधान निकालने वाले कुशल नेता
उन्होंने कहा कि स्व. वाजपेयी ने युवा अवस्था में ही एक जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने व्यक्तित्व से सभी को चमत्कृत कर दिया था। वे शब्दों के जादूगर थे। हिन्दी के बड़े प्रचारक थे। उन्होंने जय विज्ञान का नारा भी दिया। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को स्कूल चलें हम अभियान के माध्यम से प्रेरित किया। वे कठिनाइयों के बीच समस्याओं के समाधान का मार्ग निकालते थे जो एक कुशल नेता का कार्य होता है।
स्व. वाजपेयी जी असाधारण प्रतिभा के धनी थे, अनेक भूमिकाएं निभाईं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह स्व. वाजपेयी की असाधारण प्रतिभा का ही प्रमाण था जो उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जैसे व्यक्ति अन्य राष्ट्रों में जाने वाले प्रतिनिधि मंडल में शामिल कर दायित्व सौंपते थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़कर सेवा का मार्ग अपनाया था। उन्होंने अनेक भूमिकाओं का निर्वहन किया। इनमें कवि, सम्पादक, समाजसेवी आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. वाजपेयी ने परमाणु विस्फोटों के माध्यम से राष्ट्र की शक्ति के प्रदर्शन और राष्ट्र के नागरिकों का मनोबल बढ़ाया। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रभक्त वैज्ञानिक को महत्वपूर्ण भूमिका में लेकर आए। वे ऐसे फैसले लेते थे जो उनकी एक कविता “पत्थर की छाती में उग आया नवांकुर….” को चरितार्थ करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कल्पना थी। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखण्ड अंचल की तस्वीर बदलने वाली केन -बेतवा परियोजना की मंजूरी दी और आज ही खजुराहो में भूमिपूजन सम्पन्न हुआ है। पानी की उपलब्धता मनुष्य का जीवन बदल देती है। परियोजना की बाधाएं दूर हुई हैं। पार्वती-कालीसिंध -चंबल नदी जोड़ो परियोजना भी चंबल और मालवा अंचल में विकास की रफ्तार को बढ़ा देगी।
समारोह में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर गौरव दिवस स्व. वाजपेयी को समर्पित है। सम्मानित होने वाली विभूतियां सौभाग्यशाली हैं। ग्वालियर की यह पावन धरा तपोभूमि है। यह तानसेन की जन्म स्थली है। इसके साथ ही स्व. वाजपेयी की जीवन यात्रा में ग्वालियर महत्वपूर्ण है। स्व. वाजपेयी ने देश और ग्वालियर को गौरवान्वित किया है। वे सदैव ग्वालियर को प्रतिष्ठित करते रहे। वे ग्वालियर के लिए अपने थे और अपने रहेंगे। वे बहुत सरल व्यक्ति थे और उनकी ऊंचाई हिमालय जैसी थी। उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती, वे अद्भुत व्यक्ति थे। वे प्रधानमंत्री थे, इसलिए वे बड़े व्यक्ति नहीं थे बल्कि वे बड़े थे इसलिए प्रधानमंत्री थे। वे दूरदृष्टा थे। उन्होंने कई गांवों को सड़कों से जोड़ा। हाईवे बनाने की शुरूआत स्व. वाजपेयी के शासन काल में हुई।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दुनिया के लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय दल का नेतृत्व किया। वे देश के सर्वमान्य नेता थे। वे विपक्ष में रहकर भी विदेश जाते थे। उन्होंने सुशासन पर कार्य किया।
इन विभूतियों का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर गौरव दिवस में गायन प्रस्तुति के लिए आए प्रख्यात गायक सुरेश वाडेकर, साहित्य क्षेत्र से जगदीश तोमर, खेल क्षेत्र से करिश्मा यादव, योग क्षेत्र से अखिलेश पचौरी, चिकित्सा सेवा क्षेत्र से डॉ. एस.एन. आयंगर, शिक्षा और पर्यावरण क्षेत्र से बाबा सेवा सिंह, समाज सेवा क्षेत्र से विकास गोस्वामी, लेखन और कला संस्कृति क्षेत्र से केशव पांडे, शोध और अकादमिक क्षेत्र से आद्या दीक्षित को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समस्त प्रतिभाओं को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने भी सुने सुरेश वाडकर के भजन व गीत
कृषि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए भव्य ग्वालियर गौरव दिवस समारोह में देश के सुविख्यात सुगम संगीत व सिने गायक के भजन व गीतों की प्रस्तुति भी हुई। मुख्यमंत्री ने भी उनके द्वारा प्रस्तुत भजन सुने। उन्होंने खासतौर पर सुरेश वाडकर द्वारा प्रस्तुत प्रसिद्ध भजन “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो” व गुलजार द्वारा रचित गीत “ए जिंदगी गले लगा ले” का श्रवण किया और इसकी सराहना की। सुरेश वाडकर ने इस अवसर पर अटलजी की पसंदीदा गजल सहित एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत कर समा बांध दिया।
तबला दिवस भी मना, तबला वादन की हुई मनोहारी प्रस्तुति
मुख्यमंत्री डॉ.यादव द्वारा पिछले साल 25 दिसम्बर को तबला दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। इसके पालन में गौरव दिवस के साथ तबला दिवस भी मनाया गया। दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए भव्य गौरव दिवस समारोह में ग्वालियर के ख्यातिनाम तबला वादक मनीष करवड़े व साथियों द्वारा तीन ताल मध्य तय में मनोहारी तबला वादन प्रस्तुत किया गया।
श्रद्धेय अटल जी के जीवन पर केन्द्रित लघु फिल्म भी दिखाई गई
ग्वालियर गौरव दिवस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी के जीवन पर केन्द्रित लघु फिल्म भी दिखाई गई। फिल्म में अटल जी के बाल्य जीवन से लेकर उनके सम्पूर्ण सार्वजनिक जीवन को दिखा गया था। यह लघु फिल्म देखकर समारोह में मौजूद लोगों की आँखे नम हो गईं।
अटल जी द्वारा रचित कविता का वाचन भी किया गया
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी एक अच्छे कवि और साहित्यकार भी थे। उनके द्वारा रचित एक कविता का वाचन भी ग्वालियर गौरव दिवस समारोह में किया गया। आद्या दीक्षित ने अटल जी की प्रसिद्ध कविता “ कदम मिलाकर चलना होगा” का वाचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सहित अन्य अतिथियों ने करतल ध्वनि से इस कविता पाठ की सराहना की।