केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतन में होगी वृद्धि… सरकार ने किया 8वें वेतन आयोग का गठन
नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi Government) ने मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के वेतनमान (Pay Scales) और विभिन्न भत्तों में संशोधन के उद्देश्य से आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन कर दिया। साथ ही आयोग के दायरे और शर्तों को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई। आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना प्रकाश देसाई आयोग की अध्यक्षता करेंगी। आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष को अस्थायी सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन सदस्य-सचिव की भूमिका निभाएंगे।
18 महीनों में सौंपनी होगी रिपोर्ट
आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी अनुशंसाएं जमा करनी होंगी और यदि जरूरी हो तो अंतरिम रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी जा सकेगी। कैबिनेट बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, सिफारिशें तैयार करते हुए आयोग देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन का ध्यान रखेगा। इसका मकसद सरकारी कोष में विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। संभव है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी, क्योंकि वेतन आयोग की अनुशंसाएं हर 10 साल में संशोधित होती हैं। बता दें कि सातवें आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं।
पेंशन योजना पर भी सुझाव देने के निर्देश
आयोग को कर्मचारियों की बिना योगदान वाली पेंशन योजना के वित्तीय पहलुओं पर भी सिफारिशें देने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, अनुशंसाएं देते समय राज्यों की वित्तीय स्थिति का भी मूल्यांकन किया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकारें केंद्रीय आयोग की सिफारिशों के आधार पर अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में संशोधन करती हैं।
फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर, कितनी बढ़ेगी सैलरी?
इस आयोग से 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों को फायदा पहुंचेगा। सबसे बड़ा सवाल यही है कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी और खाते में कितने रुपये आएंगे। दरअसल, मूल वेतन में वृद्धि फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (डीए) के समायोजन पर आधारित होगी। सातवें आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। इसलिए, आठवें आयोग में यह कितना होगा, इसी पर सब कुछ निर्भर करेगा।
गौरतलब है कि हर वेतन आयोग के बाद डीए शून्य पर रीसेट हो जाता है, क्योंकि नई मूल वेतन में महंगाई का हिसाब पहले ही जोड़ दिया जाता है। उसके बाद धीरे-धीरे डीए बढ़ता है। वर्तमान में डीए मूल वेतन का 55 प्रतिशत है। डीए के हटने से कुल वेतन (मूल + डीए + एचआरए) में वृद्धि थोड़ी कम लग सकती है, क्योंकि 55 प्रतिशत का यह हिस्सा गायब हो जाएगा।
गुणा-गणित से समझें वेतन वृद्धि का फॉर्मूला
मान लीजिए कि आप लेवल-5 पर हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत आपका मूल वेतन ₹29,200 है और डीए (55%) ₹16,060। मेट्रो शहर में हाउस रेंट अलाउंस (27%) ₹7,884 है। इस तरह कुल वेतन ₹53,144 बनता है। यदि आठवें आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.0 लागू होता है, तो लेवल-5 के कर्मचारियों का नया वेतन इस प्रकार होगा…
नया मूल वेतन: ₹29,200 × 2 = ₹58,400
महंगाई भत्ता: 0% (रीसेट)
हाउस रेंट अलाउंस (मेट्रो, 27%): ₹15,768
कुल वेतन: ₹74,168
आप इसी फॉर्मूले से सी ग्रेड कर्मचारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक की सैलरी की गणना कर सकते हैं। इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि आठवें वेतन आयोग लागू होने पर आपके खाते में कितनी राशि आएगी।
