सोने के प्रति भारतीयों का लगाव…दाम बढ़ने के बाद भी जमकर करते हैं खरीदारी

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नई दिल्ली। जब-जब सोने की कीमतों (Gold Price) में उछाल आई है, भारतीयों (Indians) ने जमकर इसकी खरीदारी की है। यानी कीमतें बढ़ने पर भी भारतीय सोना खरीदना (Buying Gold) बंद नहीं करते, बल्कि इसे निवेश के सबसे अच्छे साधन के तौर पर देखने लगते हैं। एक और सबसे दिलचस्प बात यह भी सामने आई है कि भारतीयों का सोने के प्रति लगाव इसकी बढ़ती कीमतों के बावजूद कम नहीं हुआ है।

आमतौर पर, जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है, तो उसकी मांग घट जाती है, लेकिन सोने के मामले में यह नियम भारत में कम काम करता है। शोध बताते हैं कि भारतीय परिवार सोना खरीदने के अपने फैसले में कीमत बढ़ने पर भी ज्यादा बदलाव नहीं करते हैं। यह आदत सांस्कृतिक महत्व, शादियों, त्योहारों और बचत की परंपरा से जुड़ी है। सोने की कीमतों में जब उछाल का क्रम बनता है, तो लोग यह मानकर चलते हैं कि सोने का भाव अब नीचे नहीं आएगा। आमतौर पर गोल्ड खरीद को लेकर भारतीयों की यह सोच गलत भी नहीं है। यह ध्यान देने की बात है कि अपने देश में निवेश का तरीका धीरे-धीरे बदल रहा है।

2023 में सोने का आयात घटने के बजाय बढ़ा
उदाहरण के लिए, वर्ष 2023 और 2024 में सोने की कीमतें 16 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक बढ़ीं, फिर भी भारत का सोने का आयात घटने के बजाय थोड़ा बढ़ गया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के उपभोक्ता खरीद के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारत में 575.8 टन सोने के आभूषणों की मांग रही, जबकि छड़ों और सिक्कों की मांग 185.2 टन थी।

24 में जेवर की मांग घटी, लेकिन छड़ों और सिक्कों की उछल गई
वहीं, 2024 में, आभूषणों की मांग थोड़ा घटकर 563.4 टन रह गई, लेकिन छड़ों और सिक्कों की मांग 239.4 टन तक बढ़ गई। इससे यह भी साबित होता है कि जब ऊंची कीमतों के कारण गहनों की खरीदारी धीमी हुई, तो लोगों ने सोने की छड़ों और सिक्कों में निवेश बढ़ा दिया।

हालांकि, अब एक बदलाव दिख रहा है। 2025 की पहली छमाही में, जब सोने की कीमतें अचानक बहुत तेजी से बढ़ीं, तो भारत में मांग में थोड़ी गिरावट आई। यह संकेत है कि चाहे भारतीय सोने के प्रति कितने भी लगाव रखें, लेकिन एक सीमा के बाद तेज कीमतें मांग को प्रभावित करने लगती हैं।

सोना और चांदी ने मुनाफे के सभी रिकॉर्ड तोड़े
धनतेरस’ से पहले सोना और चांदी ने मुनाफे के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चांदी ने 10 महीने से भी कम समय में दोगुने से अधिक 106.24 प्रतिशत का मुनाफा दिया है। यह चांदी का अब तक सबसे तेज रिटर्न है। वहीं, सोने ने भी 68.55 प्रतिशत का लाभ निवेशकों को कराया है।

31 दिसंबर 2024 को चांदी के भाव 89,700 प्रति किलोग्राम थे। इसमें मात्र 287 दिनों में 95,300 रुपये को जोरदार उछाल आया है और यह सर्वकालिक उच्च स्तर 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। यही नहीं पिछले डेढ़ माह में चांदी के दाम सबसे तेज बढ़े हैं और इसमें 59,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसमें सितंबर में 24,500 और अक्तूबर में अब तक 34,500 रुपये तक भाव उछले हैं। यह भी यह भी बीते कई दशकों की अब तक सबसे तेज मासिक बढ़ोतरी है।