मध्य प्रदेश में बिना फार्मासिस्ट वाले मेडिकल स्टोर्स को तत्काल बंद करने के निर्देश

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सतना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल (Health Minister Rajendra Shukla) ने शुक्रवार को सतना के जिला अस्पताल (Satna District Hospital) का औचक निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में गंदगी और वार्डों में बिस्तरों पर बिछी मैली चादरें देखकर वह भड़क गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए साफ-सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के ड्रग कंट्रोलर को बिना फार्मासिस्ट वाले मेडिकल स्टोर्स को तत्काल बंद करने का सख्त आदेश दिया।

स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की
शुक्रवार को सतना पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने जिले भर की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने दवा दुकानों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि दवा दुकानें लोगों का जीवन बचाने के लिए होती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि गलत दवा से किसी का जीवन संकट में पड़ जाए। उन्होंने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को जिले भर में ऐसी दुकानों की सघन जांच करने का कड़ा निर्देश दिया जो बिना फार्मासिस्ट के चल रही हैं।

भोजन की गुणवत्ता नजर रखने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान राजेंद्र शुक्ल को वार्डों में कई बिस्तरों पर चादरें मैली मिलीं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान उसकी साफ-सफाई से होती है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से जमीन पर बिछे गद्दों पर भी बेडशीट न देखकर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। उनको बताया गया कि लॉन्ड्री का काम आउटसोर्स पर है, तो उन्होंने व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी नजर रखने को कहा।

स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार के निर्देश
निरीक्षण के बाद हुई समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार लाने पर जोर दिया। उन्होंने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लगातार प्रयास करने को कहा।

नए अस्पताल के निर्माण कार्य की समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पताल परिसर में 32.54 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 150 बिस्तरों के नए अस्पताल के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने एजेंसी को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य अक्टूबर 2026 तक (तय समय-सीमा दिसंबर 2026 से दो माह पूर्व) पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि रोगी के पास आयुष्मान कार्ड है, तो कलेक्टर और सीएमएचओ जिला स्तर से ही निर्णय लेकर एयर एंबुलेंस की सुविधा दे सकते हैं।