जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बाबर के नाम पर मस्जिद के निर्माण का किया विरोध कहा संभल बनेगा नई दिशा का केंद्र

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नई दिल्‍ली ।
उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने बाबर के नाम पर मस्जिद बनाए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण एक सकारात्मक उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए लेकिन बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मस्जिद का निर्माण किया जाना है तो उसे ऐसे महान व्यक्तित्वों के नाम पर बनाया जाना चाहिए जिन्होंने देश और समाज की भलाई के लिए काम किया हो जैसे अब्दुल कलाम।

यह बयान उन्होंने कल्कि महोत्सव के समापन समारोह में दिया जो हाल ही में श्री कल्कि धाम के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित मंदिर में आयोजित हुआ था। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि धार्मिक स्थलों के निर्माण पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है परंतु यह महसूस किया जाना चाहिए कि किसी भी स्थान का नामकरण और उसकी पवित्रता किसी महान कार्य या व्यक्तित्व के आधार पर किया जाए जो समाज को एक नई दिशा दे सके।

कल्कि महोत्सव का समापन और भविष्य की दिशा

कल्कि महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। इस अवसर पर श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम से जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने यह वचन लिया कि श्री कल्कि धाम का निर्माण कार्य वर्ष 2028 के बैसाख मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस महान कार्य में पूरी तरह से सहयोग और समर्थन प्रदान करेंगे।

समारोह के दौरान जगद्गुरु ने कहा कि श्री कल्कि धाम का निर्माण समाज के लिए एक बहुत बड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर होगी जो भविष्य में लोगों को अध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करेगी। उनका यह भी मानना है कि संभल भविष्य में दिल्ली से भी बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा। यह स्थान अब देश और समाज के लिए नई दिशा का केंद्र बनेगा।

ऐंचोड़ा कंबोह में अद्वितीय श्रद्धा का उत्सव

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने समारोह के दौरान श्रद्धालुओं की भावना और उत्साह को अद्वितीय बताया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आकर वह अत्यंत प्रसन्न हैं और यहां की भावनाओं का स्वागत करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से इस बात का जिक्र किया कि आज पूरे पंडाल में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे जो कल्कि भगवान के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और भक्ति का परिचय दे रहे थे।

उनका कहना था ऐसे उत्सव कहीं और नहीं देखे जाते। यहां के श्रद्धालुओं की भक्ति और भावना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कल्कि भगवान के चरणों में नमन करते हुए इस क्षेत्र की भक्ति भावना और समाज के लिए किए जा रहे कार्यों को सराहा।

श्री कल्कि धाम का महत्व

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि श्री कल्कि धाम का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर भी बनेगा। यह स्थल न केवल आस्थावान व्यक्तियों के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्री कल्कि धाम का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक समाज सुधार और सांस्कृतिक जागरूकता का भी माध्यम बनेगा।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य का यह बयान और कल्कि महोत्सव का समापन समारोह समाज में एक नई धार्मिक चेतना और आस्था का संचार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जहां एक ओर उन्होंने बाबर के नाम पर मस्जिद बनाए जाने का विरोध किया वहीं दूसरी ओर संभल को एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाने का सपना देखा। उनका यह दृष्टिकोण न केवल धार्मिक स्थलों के महत्व को दर्शाता है बल्कि यह समाज के लिए प्रेरणा भी बन सकता है जो उसे एक नई दिशा में अग्रसर करेगा।