जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान, बोले- बिहार चुनाव में सभी सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार

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बांका। बिहार (Bihar) के बांका (Banka) के मदुसूदन मंदिर बौसी (Madhusudan Temple, Bausi) में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati ) ने आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि उनका संगठन आगामी चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘गौ माता की रक्षा करने वाले मतदाता हमे वोट देंगे. जब सरकार में नहीं थे, तब गौ माता की रक्षा की बात होती थी, लेकिन अब तो बोलना भी उचित नहीं समझते. आज गौ माता काटी जा रही है और सरकार उन लोगों से चंदा लेती है जो गौ हत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘पिछले तीन चुनाव से सब एक ही है, फिर भी गौ माता कट रही है. गौ माता कट रही है, लेकिन हिन्दू नहीं कट रहा है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक और धार्मिक बहस को फिर से गर्मा दिया है. उनके समर्थक इसे गौ रक्षा के प्रति जागरूकता और आगामी चुनाव में मतदान को लेकर एक सशक्त संदेश मान रहे हैं।

नेपाल में लोकतंत्र की जगह राजतंत्र की वकालत की थी
हाल ही में उनका एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि नेपाल में लोकतंत्र की जगह राजतंत्र लागू करन चाहिए. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नेपाल की राजनीतिक व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया था. उनका कहना था कि नेपाल में जब तक राजतंत्र था, तब व्यवस्था में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं थी।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि चीन ने प्रचंड को समर्थन देकर नेपाल में लोकतंत्र स्थापित किया, लेकिन इसके बाद जनता असंतुष्ट हो गई और वह राजतंत्र की वापसी चाहती है. उनका यह बयान नेपाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चिंता और राजतंत्र के प्रति जनभावना को दर्शाता है।

‘100 करोड़ हिंदुओं को नजरअंदाज किया जाता है’
पिछले दिनों वाराणसी पहुंचे ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भारत में लोकतंत्र की बजाय राजतंत्र की वकालत की. उनका कहना था कि हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद देश में वे अक्सर दूसरे दर्जे के नागरिक बन गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के लिए सैंकड़ों योजनाएं बनाई जाती हैं, जबकि 100 करोड़ सनातन हिंदुओं की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है।

शंकराचार्य ने बिहार चुनाव में भाग लेने और हर विधानसभा सीट पर अपने निर्दलीय प्रत्याशी उतारने की घोषणा करते हुए कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलना चाहिए और गौ हत्या को सख्त दंड का प्रावधान होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का समर्थन किया और कथावाचकों पर नियंत्रण के लिए शंकराचार्यों को अधिकार वापस लौटाने की मांग उठाई।