कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, UKP-III से प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ मिलेंगे 40 लाख रुपये
बेंगलुरु। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) की अध्यक्षता में मंगलवार को कर्नाटक कैबिनेट (Karnataka Cabinet) की बैठक हुई। विशेष कैबिनेट बैठक के बाद अपर कृष्णा परियोजना-III (Upper Krishna Project-III- UKP-III) से प्रभावित किसानों के लिए एक ऐतिहासिक मुआवजा योजना की घोषणा की गई। कैबिनेट ने सिंचित भूमि के लिए 40 लाख रुपये प्रति एकड़ और शुष्क भूमि के लिए 30 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा (Compensation of Rs 30 lakh per acre) देने का निर्णय लिया। आज की बैठक में पिछले कैबिनेट सत्र से लंबित विस्तृत चर्चा को पूरा किया गया और परियोजना के भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
सीएम सिद्धारमैया ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि अलमट्टी बांध की ऊंचाई 519.6 मीटर से बढ़ाकर 524.256 मीटर की जाएगी, जिससे 75,000 एकड़ से अधिक जमीन जलमग्न होगी। इस परियोजना से पांच लाख हेक्टेयर यानी 12-13 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई संभव होगी, जिससे किसानों को पानी मिलेगा और क्षेत्र की आजीविका में सुधार होगा।
किसानों, स्थानीय नेताओं और भाजपा प्रतिनिधियों समेत हितधारकों ने सिंचित भूमि के लिए न्यूनतम 40 लाख रुपये प्रति एकड़ और शुष्क भूमि के लिए 30 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा की मांग की थी, जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया। सिद्धारमैया ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 20-25 लाख रुपये प्रति एकड़ का प्रस्ताव रखा था, जो लागू नहीं हुआ। उन्होंने केंद्र से 2013 के बृजेश कुमार ट्रिब्यूनल के फैसले को अधिसूचित करने की मांग की ताकि मामले में स्पष्टता आए।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार सभी फैसले भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत लागू करेगी। जहां मामले अदालत में हैं, वहां मध्यस्थता अधिनियम लागू होगा। जहां पुनर्वास जरूरी होगा, वहां नई नीति लाई जाएगी। पहली बार कर्नाटक सरकार भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन प्राधिकरण का गठन करने जा रही है।
शिवकुमार ने आगे कहा कि सिंचाई नहरों के लिए जरूरी नहर भूमि के मुआवजे की दरें अलग होंगी। 51,000 एकड़ नहर भूमि में से 23,631 एकड़ का अधिग्रहण हो चुका है। जलमग्न भूमि के लिए अलग दरें होंगी, जो केवल कृष्णा भाग्य जल निगम द्वारा प्रबंधित क्षेत्रों, जिसमें अलमट्टी बांध शामिल है, तक सीमित रहेंगी।
उन्होंने बताया कि जलमग्न भूमि के लिए 40 लाख प्रति एकड़ और सूखी भूमि को 30 लाख प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा। भूमि अधिग्रहण पर 70,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। वित्तीय व्यवस्था पर काम चल रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
